राजनांदगांव
विभा सिंह पर लगाए थे हेरफेर के आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 दिसंबर। खैरागढ़ के पूर्व विधायक और दिवंगत राजा देवव्रत सिंह के निधन के करीब दो माह बाद राजपरिवार का पारिवारिक मामला सार्वजनिक होता दिख रहा है। पूर्व विधायक श्री सिंह का नवंबर के पहले सप्ताह में निधन हो गया था।
देवव्रत सिंह का निजी जीवन काफी उथल-पुथल रहा है। पहली पत्नी पद्मा सिंह से तलाक लेने के बाद देवव्रत सिंह ने लखनऊ की विभा सिंह से दोबारा विवाह रचाया था। विवाह के कुछ महीनों के बाद दोनों के बीच अनबन होने लगी। झगड़े से परेशान होकर देवव्रत सिंह ने दूसरी पत्नी विभा सिंह पर मृत्यु पूर्व 8 अगस्त 2021 को छुईखदान थाना में राजपरिवार के बेशकीमती जेवरात और संपत्ति के दस्तावेज में हेरफेर का कथित आरोप लगाया है। देवव्रत सिंह ने पुलिस से विभा सिंह के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए एक आवेदन जमा किया था। जिसमें देवव्रत सिंह ने पत्र के जरिये पुलिस को बताया था कि उदयपुर स्थित मकान के लॉकर में स्वर्ण रत्न जडि़त दो गले का हार और सोने के दूसरे आभूषण बिना जानकारी विभा सिंह ने निकाल लिए।
देवव्रत सिंह ने अपने दूसरे विवाह के संबंध में आवेदन पत्र में उल्लेख करते लिखा था कि विभा सिंह अप्रैल 2021 में लखनऊ जाकर बस गई। इस दौरान उनका बातचीत भी बंद हो गया। दूसरी पत्नी ने देवव्रत के स्टॉफ मैनेजर लक्ष्मण सोनटेके को आभूषण के संबंध में लखनउ के बैंक में जमा करने की जानकारी दी। उसके बाद जब 7 अगस्त को स्टॉफ कर्मी की मौजूदगी में लॉकर खोला गया तो आभूषण और अन्य सामान नहीं थे। देवव्रत सिंह ने पुलिस को पत्र में जानकारी देते लिखा था कि विभा सिंह ने कब आभूषण और कागजात निकाल लिए इसकी जानकारी नहीं है। देवव्रत सिंह ने साफ तौर पर पुलिस को बताया था कि दूसरी पत्नी उसके पैतृक संपत्ति को गिरवी रखने अथवा बेचने की कोशिश कर रही है। इस बीच देवव्रत ने यह भी आरोप लगाया था कि लॉकर में कुछ नकली जेवरात और दो सिक्कों को छोडक़र बाकी विभा सिंह अपने साथ ले गई।
देवव्रत सिंह ने विभा सिंह पर छलकपट करने तथा अपने पूर्व पति शरीफ मोहम्मद से विवाह के बाद हुई पुत्री दिव्यांशी के संबंध में भी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। देवव्रत ने कई तथ्यों को छुपाकर विभा सिंह पर विवाह करने का आरोप लगाया है। इस बीच देवव्रत ने अपने दूसरे विवाह के संबंध में मानसिक रूप से दबाव डालने का आरोप लगाते लिखा था कि विभा सिंह भावनात्मक दबाव बढ़ाने के लिए आत्महत्या करने के लिए डराती थी। जिसके चलते देवव्रत ने खुद को दूसरी पत्नी से प्रताडि़त होने के आधार पर पुलिस से शिकायत की थी।
देवव्रत के कोरोनाग्रस्त होने के दौरान जेवरात और दस्तावेज गायब
खैरागढ़ विधायक स्व. देवव्रत सिंह के राजघराने की महंगी रानी हार और दस्तावेज गायब होने के मामले में यह जानकारी सामने आ रही है कि कोरोनाग्रस्त होने के दौरान देवव्रत एकांतवास में थे। कोरोना पीडि़त रहते हुए वह करीब 15 दिन होम क्वारटाईन थे, जिसके चलते देवव्रत का किसी से भी प्रत्यक्ष मेल-मुलाकात नहीं हुआ था। राज परिवार के सूत्रों का कहना है कि इसी समय उनकी राजघराने की बेशकीमती हार और दस्तावेज गायब किए गए। देवव्रत को इसकी जानकारी काफी देर बाद लगी। चर्चा है कि देवव्रत पर विभा सिंह लगातार लखनऊ में एक भव्य मकान बनाने के लिए निवेश करने का भी दबाव बना रही थी। दरअसल विभा सिंह उदयपुर और खैरागढ़ में रहना नहीं चाहती थी। आए दिन वह लखनऊ चली जाती थी। राजघराने में अब अटकले हैं कि देवव्रत को दूसरी पत्नी विभा ने कई मामलों में प्रताडि़त किया है।