राजनांदगांव
संगोष्ठी सभा में वक्ताओं ने रखे विचार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 दिसंबर। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 97वीं जयंती पर भाजपा द्वारा सुशासन दिवस मनाते उन्हें याद किया गया। भाजपा जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने बताया कि भाजपा कार्यालय में आयोजित संगोष्ठी सभा में कार्यकर्ताओं ने अटल के संदेश को सुनते उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
मुख्य वक्ता की आसंदी से प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने कहा कि अटल सच्चे अर्थों में आदिवासियों, वंचितों और गरीबों तक सुशासन की बयार ले जाने के समर्थक थे। उन्होंने छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों के निर्माण के जरिये देश को अंत्योदय की एक ऐसी दृष्टि दी। जिसमें सुशासन अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि अटल की बदौलत पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में 15 वर्षों तक भाजपा ने अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचाकर गरीबों का भला किया। पीडीएस योजना के माध्यम से गरीब व्यक्ति के पेट की चिंता की। श्री पारख ने कहा कि यह गर्व की बात है कि अटल की नीति को लेकर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को नई दिशा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1998 में सप्रे शाला मैदान रायपुर में अटल जी ने चुनावी सभा को संबोधित करते कहा था कि तुम मुझे 11 सांसद दो तो मैं तुम्हें छत्तीसगढ़ राज्य दूंगा, जब परिणाम आए तो भाजपा को छत्तीसगढ़ में 10 सीटें मिली, परंतु इसके बावजूद भी अटलजी ने अपना वादा निभाया और न केवल छत्तीसगढ़ राज्य बनाया, बल्कि प्रधानमंत्री रहते उन्होंने छत्तीसगढ़ को पल्लवित और पुष्पित भी किया। श्री पारख ने बताया कि 2004 में राज्य को तीन विश्वविद्यालयों कल की सौगात दी गई इन शैक्षणिक संस्थाओं के जरिये छत्तीसगढ़ का युवा राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है।
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद अशोक शर्मा ने कहा कि किसी राजनेता की अनुशासन और नैतिक जिम्मेदारी तथा ईमानदारी की अद्भुत मिसाल के साक्षी रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वह सांसद थे, तब मात्र 1 वोट से अटल बिहारी वाजपेई की सरकार गिर गई, परंतु उन्होंने एक वोट को खरीदने का अपनी नीति से समझौता नहीं किया और वह अपनी बातों में लगे रहे और उनका संसद में दिया गया उद्बोधन आज भी याद किया जाता है। श्री शर्मा ने कहा कि अटलजी देशभर की सडक़ों को जोडऩे का कार्य नदियों को जोडऩे का कार्य और पोखरण परमाणु विस्फोट तथा सर्वशिक्षा अभियान के तहत देश को विदेशों में एक अलग पहचान दी। उन्होंने कहा कि आजादी के पूर्व जितनी सरकारें थी, उन्होंने कभी भी देश की चिंता नहीं की।
मीडिया सेल के अनुसार संगोष्ठी की शुरुआत में पूर्व भाजपा अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने अटल की कविता के माध्यम से कार्यकर्ताओं में जोश भरा और बताया कि आपातकाल के बाद बनी सरकार में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में अटलजी को विदेश मंत्री का जिम्मा दिया गया, तब देश में एक नेता के नेतृत्व का असर साफ तौर पर देख।
संगोष्ठी सभा में अशोक शर्मा, खूबचंद पारख, मधुसूदन यादव, संतोष अग्रवाल, कोमल जंघेल, दिनेश गांधी, खेदूराम साहू, नीलू शर्मा, शशिकांत द्विवेदी, तरुण लहरवानी, किरण साहू, इरफान खान, नरेश बैद पतली, आलोक श्रोती सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।