कोरबा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 26 दिसंबर। नाइट ड्यूटी पर जा रही नर्स का अपहरण जिन लोगों ने किया था उन्होंने कुछ घंटे के बाद उसे उसके घर पर छोड़ दिया था और इधर पुलिस छापामारी कर रही थी। महिला अपने अपहरण की बात घर के नजदीक थाने में बताने के बजाय चुपचाप कोरबा चली गई।
मालूम हो कि हरदी बाजार पुलिस चौकी इलाके के भिलईबाजार से नर्स ओम साहू का शुक्रवार की रात तब अपहरण कर लिया गया था, जब वह ठीक अस्पताल के पास नाइट ड्यूटी के लिए पहुंची थी। लोगों ने देखा कि दो लड़कों ने उसे उसकी स्कूटी से गिरा दिया और मुंह दबाकर स्कॉर्पियो में भरकर ले गए।
स्टाफ के लोगों ने स्कॉर्पियो का पीछा किया लेकिन वे हरदीबाजार की तरफ भाग निकले। नर्स को अगवा किए जाने की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए रात में ही पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी बिलासपुर से कोरबा सड़क रास्ते निकल गए थे।
यह घटना उस दिन हुई थी जब कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू कोरबा पहुंचे थे।
पुलिस रात भर इधर-उधर नाकेबंदी कर गाड़ियों की चेकिंग और छापेमारी कर रही थी लेकिन नर्स की कोई जानकारी नहीं मिली। अगले दिन सुबह जब पुलिस ने फोन के जरिए परिवार वालों से संपर्क किया तो उसकी बेटी ने फोन उठाया। बेटी ने बताया कि उसकी मां रात में ही घर आ गई। साथ ही यह बताया कि वह कोरबा पहुंच गए हैं। बेटी ने अपनी मां से भी बात कराने के लिए पुलिस को फोन दे दिया। मामला तब गंभीर हो गया जब बात करते-करते नर्स ने फोन काट दिया। पुलिस ने डायल किए गए नंबर का लोकेशन ट्रेस किया और वहां अगवा की गई नर्स मिल गई।
पुलिस को सुराग मिला है कि नर्स महिला से उसका बेटा नाराज चल रहा था। हाल ही में महिला ने एसईसीएल को एक जमीन बेची है, जिसमें उसे 12 लाख रुपए मिले। उसका बेटा बाइक खरीदने की ज़िद कर रहा था। पुलिस को आशंका है कि नर्स को उसके बेटे ने ही अगवा किया था। इसीलिए वह अपने अपहरण के बारे में पुलिस को कोई भी जानकारी देने से कतरा रही है।
पुलिस जल्द ही इस मामले का खुलासा कर सकती है।