बालोद

हॉफ पैंट, काला टोपी पहनकर चलने वालों के हिटलर और मुसोलिनी आदर्श है, ये गांधी को क्या मानेंगे- सीएम
29-Dec-2021 4:45 PM
हॉफ पैंट, काला टोपी पहनकर चलने वालों के हिटलर और मुसोलिनी आदर्श है, ये गांधी को क्या मानेंगे- सीएम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 28 दिसंबर।
बालोद जिले के डोंडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोडमर्रा में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि आज राजीव जी की मूर्ति का अनावरण शुभ दिन है। 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस यह हमारे लिए बड़ा दिन है, कांग्रेस की स्थापना उस समय हुआ जब देश में अंग्रेजों की सरकार थी, आम जनता की आवाज बनकर कांग्रेस सामने आई, आजादी की लड़ाई मात्र कांग्रेस का इतिहास नहीं है कांग्रेस का इतिहास बड़े बड़े महापुरुषों का योगदान है।

बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है यह वो कांग्रेस है। महात्मा गांधी का जिसे हम राष्ट्रपिता कहते हैं उनके नेतृत्व में देश को आजादी मिला। महात्मा गांधी जी ने किसानों के लिए छोटे नागपुर में लड़ाई लड़ी यहां सरदार पटेल के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई, पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में किसानों की लड़ाई लड़ी कांग्रेस ने किसानों को सम्मान देने के लिए लड़ाई लड़ी हथकरघा को आगे बढ़ाने महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी और उसका परिणाम भी मिला।

उन्होंने कहा, ये गुरु घासीदास की धरती है जहां मनखे मनखे एक समान का नारा दिया गया ये कबीर की धरती है।
हॉफ पैंट पहनकर काला टोपी पहनकर चलने वाले हिटलर और मुसोलिनी इनका आदर्श है ये गांधी को क्या मानेंगे हाफ पैंट कभी भारत का संस्कार नहीं रहा है। आज भाजपा के खिलाफ बोल दो तो धर्म विरोधी और जो मोदी शाह के खिलाफ बोले तो राष्ट्र विरोधी हम श्रम का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रहे हैं जब देश में खाने की व्यवस्था नहीं थी तब लाल रंग का गेहूं अमेरिका से आया था। इंदिरा जी ने दुखी मन से ये याचना किया था जिसके बाद उन्होंने भारतवासियों से आव्हान किया कि हरित क्रांति होना चाहिए। जिसके बाद से खेत देने का काम शुरू हुआ सिंचाई का काम हुआ। जिसके बाद से इतना अनाज उत्पादन होता है की तीन साल भी सूखा पड़े तो कोई भूख से नहीं मरेगा।

केंद्र नहीं दे पा रही अनाज का दाम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की दिल्ली बॉर्डर में डेढ़ साल से किसान बैठे थे। वे किसानों को अनाज का उचित मूल्य नहीं दे पाए, हमारे यहां राज्य में किसानों को सब मिला है। समर्थन मूल्य 1940 से 1960 हो गया है। समय के साथ छत्तीसगढ़ में सबको लाभ मिल रहा है। मिलेगा केंद्र तो सांसदों को तनख्वाह नहीं दे पा रही थी, किसानों के लिए हम सर संभव काम कर रहे हैं क्योंकि राजीव गांधी जी ने कहा था की यहां पर किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा।

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