बीजापुर
35 बाघ व 28 वनभैंसे के सेट सेम्पल के लिए भेजे गये देहरादून
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 29 दिसंबर। देश के तीसरे सबसे बड़े इंद्रावती टाइगर रिजर्व में पहली बार ट्रांजिट लाइन का काम पूरा किया गया है, जो अब से पहले कभी नहीं की गई थी। इस बार यहां से 35 बाघ व 28 सेट वनभैंसे के सेम्पल जांच के लिए देहरादून भेजे गये हैं।
8 बफर व 3 सेंचुरी वाले इंद्रावती टाइगर रिजर्व की स्थापना वर्ष 2009 में हुई। आईटीआर के वजूद में आने के बाद पहली बार 11 परिक्षेत्रों के 133 बीट में वन्य प्राणी गणना के लिए ट्रांजिट लाइन का काम पूरा किया गया है। इससे पहले वर्ष 2014 में 105 व 2018 में 89 बीट पर ही ट्रांजिट लाइन बिछाई गई थी।
क्या है ट्रांजिट लाइन
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक डीके मेहर ने बताया कि 2 से 4 किलोमीटर तक हर बीट पर ट्रांजिट लाइन डाला जाता है। इसमें पूरे बीट को कवर करते हुए एक ऐसी लाइन डाली जाती है, जो बीट की लगभग सभी एरिया को कवर कर ले।
उपनिदेशक मेहर के मुताबिक विभाग इसमें साइन सर्वे से काम करता है। साइन सर्वे के जरिये कौन से बीट पर वाइल्ड लाइफ है, उसकी निशानदेही का पता चलता है। साथ ही इस सात दिनों के इस सर्वे से वाइल्ड लाइफ के मल, पग मार्ग, खरोंच आदि की जानकारी मिलती है।
3 साल से बंद है मद
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बाघ के संरक्षण व संवर्धन के लिए बनाए गए बाघ अभिकरण मद पिछले 3 सालों से बंद है। डीके मेहर के मुताबिक वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान नहीं होने से बाघ अभिकरण मद बंद है। उन्होंने बताया कि इस बार यहां से प्लान बनाकर भेज दिया गया है। छानबीन चल रही है। जल्द ही एप्रोव हो जाएगा।
बाघ व वन भैंसे के सेम्पल भेजे
इंद्रावती टाइगर रिजर्व से सर्वे के बाद यहां से बाघ के 35 और वन भैंसे के 28 सेट सेम्पल जांच के लिए देहरादून लैब भेजे गए है। यहां जांच के बाद साफ हो जाएगा कि आईटीआर में बाघों व वन भैंसों की वास्तविक संख्या कितनी है।
400 स्कॉयर किमी में लगे 132 कैमरे
वाइल्ड लाइफ की हलचल व निगरानी के लिए इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र को दो भागों में बांटकर 400 स्कॉयर किमी के दायरे में विभाग ने 132 ट्रिप कैमरे लगाये हैं। अभी 132 कैमरे और लगाने पर विचार विभाग कर रहा है।