राजनांदगांव
जवानों पर पथराव के विरुद्ध मामला दर्ज, वीडियो रिकार्डिंग से उपद्रवियों की होगी पहचान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 दिसंबर। खैरागढ़ के पूर्व विधायक दिवंगत देवव्रत सिंह के मालिकाना संपत्ति उदयपुर महल में बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद का अब भी पटाक्षेप नहीं हुआ है। पैलेस पर अपना कब्जा करने के लिए स्व. देवव्रत के बच्चे आर्यव्रत और शताक्षी सिंह परिवार के अन्य लोगों के साथ डटे रहे। इस दौरान विभा सिंह भी अपनी बहन और बिलासपुर हाईकोर्ट के एक वकील के साथ अपने पक्ष को न्यायसंगत मानते हुए आरोपों का जवाब देती रही।
दोनों पक्षों में सुलह कराने के लिए खैरागढ़ एसडीएम और एसडीओपी समेत अन्य थाना क्षेत्र के प्रभारी पैलेस में रहे। कई बार दोनों पक्षों के बीच कहा-सुनी भी हुई। तनाव की स्थिति को भांपते हुए किसी तरह विवाद को खत्म करने के लिए पुलिस डटी रही। पूरे दिन कई बार विवाद बढऩे के साथ शांत होता रहा। आखिरकार अफसरों की मौजूदगी में अधिकृत आदेश तक पैलेस में तालाबंदी करने पर दोनों पक्ष रजामंद हुए। इसके बाद पैलेस के मुख्य द्वार से लेकर बाथरूम और अन्य कमरों में आर्यव्रत और विभा सिंह ने अपना-अपना ताला लगा दिया है। इस तरह दोनों पक्ष ने कमरों को ताला लगाने के बाद चाबी अपने पास रखी है। पुलिस अफसरों के लिए दोनों पक्षों को समझाना एक टेड़ी खीर रहा। आखिरकार पैलेस खोलने को लेकर उठा विवाद अब तक अधूरा ही रह गया।
इस बीच उदयपुर पैलेस पर एकाधिकार के लिए स्व. सिंह के संतान आर्यव्रत सिंह और शताक्षी सिंह जहां कानूनी रूप से असल हकदार मान रहे हैं। वहीं मौजूदा पत्नी विभा सिंह भी संपत्ति के लिए अपना पहला हक मान रही है। गुरुवार को भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच उदयपुर में शुक्रवार तडक़े तक काफी गहमा-गहमी रही। विभा सिंह के हक को गैरवाजिब ठहराते हुए आर्यव्रत सिंह और शताक्षी सिंह लगातार आपत्ति कर रही है।
इससे पहले उदयपुर में खैरागढ़ राजघराने के करीबी और समर्थकों ने पैलेस को पूरी तरह से घेरे रखा। देवव्रत के नजदीकी रिश्तेदारों और समर्थकों की एक बड़ी फौज उदयपुर पैलेस के इर्द-गिर्द रही। आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीण भी स्व. सिंह के संतानों के साथ हो रहे बर्ताव के विरोध में एकजुट हो गए। इस दौरान पुलिस ने पैलेस के मुख्य द्वार को बंद कर दिया। बाहर मौजूद सैकड़ों समर्थकों और अन्य ग्रामीणों ने पूरे दिन विभा सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। विभा सिंह भी काफी देर बाद उदयपुर पहुंची। पुलिस ने कड़ी निगरानी के बीच विभा सिंह को पैलेस परिसर में दाखिल कराया। इसके बाद देवव्रत की पूर्व पत्नी पदमादेवी सिंह बच्चों के साथ पैलेस में दाखिल होने के लिए जैसे ही बढ़ी, विभा सिंह ने उनकी मौजूदगी पर आपत्ति जताई। इसके बाद सिर्फ बच्चे और विभा सिंह ही पैलेस में दाखिल हुए।
उधर विभा सिंह पर कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस पर समर्थकों ने दबाव डाला। बार-बार समर्थकों के नारेबाजी करने से अफसर नाराज होने लगे। इस बीच खैरागढ़ एसडीओपी दिनेश सिन्हा का भीड़ से विवाद हो गया। थोड़ी देर बाद भीड़ में मौजूद लोगों में से किसी एक ने पथराव शुरू कर दिया और स्थिति बेकाबू होने लगी। ग्रामीणों ने पुलिस पर जमकर पत्थर फेंके। पुलिस और अन्य अधिकारियों के वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया। पत्थरबाजी के कारण कुछ पुलिस कर्मियों को मामूली चोटें भी पहुंची है। अब पुलिस पथराव में शामिल लोगों की वीडियो फुटेज के जरिये पहचान कर रही है। इस संबंध में एएसपी प्रज्ञा मेश्राम ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। शासकीय कार्यों में बाधा और वाहनों में तोडफ़ोड़ समेत अन्य अपराध के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।