राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 31 दिसंबर। श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा के छठवें दिन व्यासपीठ से कथावाचक पं. विनोद बिहारी गोस्वामी ने बताया कि धर्म व सत्य की मार्ग में यदि हमें वियोग और मृत्यु का भी वरण करना पड़े तो वह कम ही है। भागवताचर्य ने कहा कि हमें देवी अराधना से लौकिक व परलौकिक जीवन में सफलता मिलती है।
श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा के छठवें दिन कथावाचक गोस्वामी ने राजा हरिशचंद्र का प्रसंग व कथा सुनाई। भागवताचार्य ने दान और दक्षिणा के भेद को समझाते बताया कि दान एक यज्ञ है और दक्षिणा यज्ञ के बाद दी जाती है।
कथवाचक गोस्वामी ने बताया कि श्रीमद् देवी भागवत भक्ति और मुक्ति की प्रदाता है। देवी अराधना से हमें लौकिक व परलौकिक जीवन में सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि गृहलक्ष्मी भी मां भगवती का ही अंश है, इसलिए हमें देवी की अराधना करते अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
नववर्ष के प्रथम दिवस महाप्रसादी भंडारा
श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ नगर में 24 दिसंबर से हुआ है। कथा का समापन नववर्ष के प्रथम दिवस शनिवार को हवन पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान एवं महाप्रसाादी भंडारा से होगा। आयोजन का यह निरंतर दूसरा वर्ष है। आयोजन समिति के प्रमुख नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी ने बताया कि परंपरानुसार इस वर्ष भी यदि मौसम अनुकुल रहा और कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो पिछले वर्ष की तरह साल के अंतिम दिन शुक्रवार को नववर्ष का स्वागत रात्रि 9 से 12 के मध्य कथास्थल में भजन-कीर्तन एवं गीत संगीत से होगा।
श्री मानिकपुरी ने बताया कि शनिवार को मौसम खुशनुमा रहा तो एक जनवरी को अंतिम दिवस कथास्थल में दोपहर 2 बजे से महापसादी भंडारा का आयोजन होगा।