दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दन्तेवाड़ा, 31 दिसंबर। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन), दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, के तहत जिला- दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के जनपद पंचायत दंतेवाड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत बालपेट व मेटापाल-02. जनपद पंचायत गीदम अंतर्गत ग्राम पंचायत घोटपाल-01, मड़से, आलनार, कारली, जोड़ातराई, गुठोली व कोरलापाल, जनपद पंचायत कुआकोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत कुआकोंडा, खूटेपाल, चोलनार रेगानार, नकुलनार माहराहाउनार, फूलपाड़ हल्बारास तथा जनपद पंचायत कटेकल्याण अंतर्गत ग्राम पंचायत धनीकरका, जंगमपाल, मोखपाल गुड़से, छोटेगुडरा, परचेली तथा कटेकल्याण में उप निर्वाचन हेतु समय अनुसूची कार्यक्रम जारी किया गया है।
ग्राम पंचायत उप निर्वाचन 2021 चुनाव संबंधी कार्यवाही पूर्णरूपेण शांतिपूर्ण एवं मतदाताओं को अपने मतों का प्रयोग बिना किसी डर-दबाव के निर्भयतापूर्वक करने के लिए कानून एवं शांति व्यवस्था को बनाए रखना आवश्यक है। अतएव लोक शांति एवं लोक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छ.ग. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 5 (2) एवं 10 (2) के साथ पठित भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, छ.ग. द्वारा जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के जनपद पंचायत दंतेवाड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत बालपेट व मेटापाल-02, जनपद पंचायत गीदम अंतर्गत ग्राम पंचायत घोटपाल-01.
मड़से, आलनार, कारली जोड़ातराई, गुठोली व कोरलापाल, जनपद पंचायत कुआकोंडा अंतर्गत ग्राम पंचायत कुआकोडा, खूटेपाल चोलनार, रेंगानार, नकुलनार माहराहाउनार फूलपाड़ व हल्बारास तथा जनपद पंचायत कटेकल्याण अंतर्गत ग्राम पंचायत धनीकरका, जंगमपाल, मोखपाल, गुडसे, छोटेगुडरा, परचेली तथा कटेकल्याण की उपनिर्वाचन अवधि 22 जनवरी 2022 की अवधि तक अधिनियम की धारा 13 (1) में उल्लेखित अवसरों को छोडक़र अधिनियम की धारा 2 क.ख एवं ग के अंतर्गत परिभाषित कोलाहल एवं समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण समय (दिन/रात) के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। उक्त आदेश का उल्लंघन अधिनियम की धारा 15 के अधीन दंडनीय है। उपरोक्त अधिनियम की धारा 2 घ की शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिनियम की धारा (7) के प्रयोजन के लिए उपयुक्त अवसरों पर सीमित अवधि के लिए अनुज्ञा देने हेतु अनुविभागीय दंडाधिकारी बड़े बचेली जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, छ.ग. को उनके स्थानीय क्षेत्राधिकार अंतर्गत निहित अधिकारों की शक्तियों का प्रयोग करने हेतु सशक्त किया गया है ।