रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 जनवरी। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार एक बार फिर कॉलेजों को बंद करने पर विचार कर रही है। इस पर अंतिम निर्णय अगले सप्ताह ले लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार चालू सत्र की वार्षिक परीक्षाएं ऑफलाइन यानी कॉलेजों में ही ली जाएगी।
बता दें कि कोरोना की पहली-दूसरी लहर के चलते बीते वर्ष उच्च शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई थी। संक्रमण रोकने जहां कॉलेज बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई। वहीं परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित कर आंसरशीट जमा कराए गए। और उसी अनुसार रिजल्ट भी जारी किए गए।
2020-21 का सत्र, इस तरह से निपटाने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने चालू सत्र के लिए 5 अगस्त से कॉलेज खोलने का फैसला किया था। पहले पीजी की क्लॉसेस, फिर फाइलन ईयर और अंत में सेकेंड-फस्ट ईयर की कक्षाएं खोली गई। इस तरह से इस समय प्रदेश के सभी 235 कॉलेज, विश्वविद्यालयों में पूरी रफ्तार से कक्षाएं चल रही है।
इसी बीच प्रदेश में कोरोना ने फिर पैर पसार लिया है। सप्ताहभर में राज्य में 11 फीसदी केसेस बढ़े हैं। कोरोना पीडि़तों में युवा भी सामने आ रहे हैं। राजधानी के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में आधा दर्जन से अधिक बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग में कॉलेज बंद करने से लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। हालांकि सरकार अभी सप्ताहभर बाद अंतिम निर्णय लेगी। विभाग के आला सूत्रों का कहना है कि पिछले महीनों में 18 प्लस के युवाओं को टीके लग चुके हैं और ये ही युवा, कॉलेजों में पढ़ते है। इससिए इनमें संक्रमण की संभावना कम है लेकिन जीईसी में सामने आए पॉजिटिव केसेस ने चिंता बढ़ा दी है।
सूत्रों के अनुसार 10 जनवरी से विभाग की बजट चर्चा में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, सीएम बघेल से इस पर रायशुमारी करेंगे। उसके बाद आदेश जारी हो सकते हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि क्लासेस भले बंद कर दिए जाएंगे, लेकिन परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी।
समाज कल्याण विभाग के सभी संस्थान बंद
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित सभी संस्थाओं को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मंत्रालय से जारी निर्देश के तहत विभाग अंर्तगत संचालित शासकीय, मान्यता व अनुदान प्राप्त, दैनिक एवं आवासीय स्वैच्छिक संस्थाएं, दिव्यांग महाविद्यालय, विशेष विद्यालय, आश्रय दत्त कर्मशाला आगामी आदेश तक बंद रहेंगे।