कोरिया
मनेन्द्रगढ़, 7 जनवरी। प्रदेश की भूपेश सरकार ने कोरोनाकाल के दौर में भी रोजगार देने का कार्य किया है। कोरोना काल में जहां एक ओर देशभर में बेरोजगारी दर बढ़ रही थी, वही छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में यहां रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर लगातार बेरोजगारी दर घटा रही थी, जिसका नतीजा है आज हमारा छत्तीसगढ़ सेंटर फॉर मेजरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा हाल ही में जारी किये गये बेरोजगारी के आंकड़ों ने एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का परचम बुलंद कर दिया है।
आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है। यह बातें एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ने विज्ञप्ति जारी कर कही।
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि दिसंबर 2021 की स्थिति के अध्ययन के बाद सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश की बेरोजगारी दर दिसम्बर महीने में 7.91 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह 4 माह का उच्च्तम स्तर है। शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.28 प्रतिशत रही है। देश मे जहां बेरोजगारी दर बढ़ रही थी वही प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के कामकाज का ही नतीजा है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर घट रही थी।
विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया गया है, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी अनेक अभिनव योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही।
भाजपा शासित राज्यों में बढ़ी बेरोजगारी
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने केंद्र सरकार व भाजपा शासित राज्यो पर हमला बोलते हुए मोदी सरकार व भाजपा शासित राज्यों को रोजगार विरोधी सरकार का दर्जा देते हुए कहा कि आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 3.4 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 4.9 प्रतिशत, असम में 5.8 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर रही है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी, वहीं दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.91 प्रतिशत रही जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.3 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.28 प्रतिशत रही।