कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 7 जनवरी। नगर पालिक निगम चिरमिरी क्षेत्र में के वार्ड क्रमांक 24 व 34 मे कोरोना वायरस प्रभावितों के ज्यादा संख्या को देखते हुए कंटेंन्टमेंट जोन घोषित करने के बाद निगम चिरमिरी क्षेत्र में संचालित शासकीय आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल व डीएवी पब्लिक स्कूल में बड़ी संख्या में शिक्षकों व छात्रों के कोरोना संक्रमण पाए जाने जाने के बाद कोरिया कलेक्टर द्वारा कोरिया में धारा 144 लागू जहां कर दिया गया, वहीं सभी प्रकार के आयोजन जुलूस सार्वजनिक समारोह रैली तथा वृहत आयोजन एवं जन समुदाय के स्थान पर एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा देने के उपरांत चिरमिरी अनुभाग अधिकारी तुलसीदास मरकाम द्वारा चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति पदाधिकारियों को पत्र लिखकर जनहित में धरना प्रदर्शन व आंदोलन समाप्त करने की बात कही।
एसडीएम चिरमिरी व विप्लव श्रीवास्तव तहसीलदार चिरमिरी दो चरणों में चिरमिरी संघर्ष समिति द्वारा चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ आंदोलनकारियों के द्वारा संचालित क्रमिक भूख हड़ताल स्थल पर पहुंच कर कोरोना की भयावह स्थिति व मौके की नजाकत को देखते हुए फिलहाल क्रमिक भूख हड़ताल को अस्थाई या स्थाई विराम देने का सुझाव दिया, जिसको जनहित में चिरमिरी संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने स्वीकार करते हुए अपनी एक सूत्रीय मांग चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ को लेकर 17 अगस्त से क्रमश: क्रमिक भूख हड़ताल के रूप में चल रहे जन आंदोलन को अस्थाई तौर पर विराम देते हुए आंदोलन को प्रतीकात्मक रूप से रूप परिवर्तित करके चलाने का निर्णय लिया है। चिरमिरी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दो चरणों में अधिकारी द्वय तुलसी मरकाम अनुभागीय अधिकारी व विप्लव श्रीवास्तव तहसीलदार के सार्थक पहल व समझाइस के बाद संघर्ष समिति ने प्रतिदिन चलने वाले क्रमिक भूख हड़ताल को जहां अस्थाई तौर पर अभी विराम दे दिया है, वहीं आंदोलन के विराम के दिनों में आंदोलन का रूप परिवर्तित करके शासन व कोरोना के नियमों का पालन करते हुए आंदोलन को गति देने की बात कही है। संघर्ष समिति पदाधिकारी उपेंद्र जैन ने बतलाया है कि उन्होंने राज्य शासन के अधिकारी द्वय अनुभाग अधिकारी व तहसीलदार को स्पष्ट रूप से यह बतला दिया है कि कोरोना काल के दौरान यदि शासन द्वारा नवीन गठित मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला कार्यालय के संबंध में चिरमिरी के हितों को अनदेखा करते हुए राज्य शासन या जिला प्रशासन द्वारा कोई कदम उठाया जाता है तो चिरमिरी में अस्थाई तौर पर रुका जन आंदोलन बड़े रूप में पुन: स्वत: ही चालू हो जाएगा जिसकी पूरी जवाबदारी शासन प्रशासन पर होगी।