राजनांदगांव

10 साल बाद नांदगांव के 60 सहायक आरक्षक बनेंगे आरक्षक
10-Jan-2022 2:31 PM
10 साल बाद नांदगांव के 60 सहायक आरक्षक बनेंगे आरक्षक

आधा दर्जन महिलाओं को आरक्षक का मिलेगा दर्जा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 जनवरी।
नक्सल मोर्चे में पुलिस की कामयाबी के असल सूत्रधार रहे सहायक आरक्षकों के लिए राज्य सरकार ने तोहफे के तौर पर आरक्षक पद पर प्रमोशन देने का ऐलान कर उनकी 10 साल पुरानी मांग को पूरा किया है। राजनांदगांव जिले में 60 सहायक आरक्षक विभाग की नक्सल लड़ाई में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शाामिल रहे हैं।

2011 से नक्सलियों के खिलाफ चली निर्णायक जंग में सहायक आरक्षकों ने जवानों को कई सफलताएं दिलाई। नक्सलियों के लिए सहायक आरक्षकों का पुलिस का साथ देना बेहद घातक रहा है। नक्सली हिंसा के शिकार हुए परिजनों के अलावा नक्सलियों के हिमायती रहे युवाओं को तोडकऱ पुलिस ने अपने पाले में किया। दस साल पहले शुरू हुई सहायक आरक्षक बनाने की नीति के अब सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। नक्सल गतिविधि की सटीक सूचना का संकलन महकमा सहायक आरक्षकों के जरिये ही करता रहा है। उनके ही जरिये नक्सलियों के कई ठिकानों पर जवानों ने धावा बोला। सहायक आरक्षकों की भूमिका का ही नतीजा रहा कि नक्सलियों की रणनीतियों से जुड़ी अहम जानकारियां अफसरों को मिलती रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक सहायक आरक्षकों के वेतनमान में काफी विसंगतियां है। अलग-अलग साल के सहायक आरक्षकों को 13 से 18 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। सहायक आरक्षकों का दावा है कि महकमा आरक्षक की तर्ज पर उनसे काम लेता रहा है, लेकिन मेहनताना देने की नीति को समकक्ष नहीं रखा गया। राजनांदगांव जिले में 2011, 2014, 2016 से लेकर आज पर्यन्त सहायक आरक्षकों की एक बड़ी टीम तैयार हो गई है। 60 सहायक आरक्षकों में आधा दर्जन महिलाएं भी शामिल है। लंबे समय से आरक्षकों के समकक्ष वेतन और सुविधाएं देने की मांग को लेकर सहायक आरक्षक संघर्ष कर रहे थे। राजनांदगांव जिले में भी सहायक आरक्षकों ने हाल ही में हुए राजधानी में प्रदर्शन में खुलकर भाग लिया था।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहायक आरक्षकों की मांग को जायज मानते हुए आरक्षक पद पर पदोन्नति दिए जाने पर सैद्धांतिक सहमति दी है। ऐसे में राजनांदगांव जिले के मोहला से लेकर बकरकट्टा तक तैनात सहायक आरक्षकों की वाजिब मांग पूरा होने की कगार पर है।

मिली जानकारी के मुताबिक सहायक आरक्षकों को आरक्षक बनाए जाने से विभाग को नक्सलियों को कमजोर करने में काफी मदद मिलेगी। फिलहाल सहायक आरक्षकों को प्रस्तावित प्रमोशन मिलने से भविष्य में सकारात्मक नतीजे विभाग को मिलेंगे।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news