रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जनवरी। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के अधिकारी -कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन के फैसले को स्थगित कर दिया है। अधिकारी-कर्मचारी 28-29 जनवरी को हड़ताल के बजाए कालीपट्टी लगाकर काम करेंगे।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश के लंबित 31 फीसदी मंहगाई भत्ता, और साातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर 12 तारीख को सभी जिला-तहसीलों में रैली निकालने का फैसला लिया था। इसके अलावा 28-29 जनवरी को दो दिनी प्रांतव्यापी सामूहिक अवकाश आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए आंदोलन का स्वरूप बदला गया है।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया है कि राजपत्रित अधिकारी संघ के कार्यालय में 7 जनवरी को हुई फेडरेशन की बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 12 तारीख को प्रस्तावित मौलिक अधिकार रैली, और 28-29 फरवरी को प्रस्तावित दो दिवसीय प्रातव्यापी आंदोलन को स्थगित कर दिया है। इसकी जगह अब 12 तारीख को सभी जिला तहसीलों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
यह भी कहा गया कि यदि 26 जनवरी तक कोरोना में रोकथाम हो जाती है, तो ही सामूहिक अवकाश आंदोलन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के लोक सेवकों के 14 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र्र मनोज कुमार पिंगुआ समिति द्वारा निर्णय लिए जाने की मांग रखी जाएगी। फेडरेशन की बैठक में प्रमुख रूप से राजेश चटर्जी, संजय सिंह, आर.के रिछारिया, पंकज पाण्डेय, डॉ. बीपी सोनी, मूलचंद शर्मा, अजय तिवारी, आदि उपस्थित थे।