बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 10 जनवरी। नीट एवं जेईई सहित राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षाओं के लिए जगदलपुर में सेंटर खोलने पूर्व विधायक संतोष बाफना ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर क्षेत्र के अभ्यर्थियों की मांग से अवगत कराया है।
पूर्व विधायक श्री बाफना ने अपने पत्र में कहा है कि, नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल के अभ्यर्थियों को आज पर्यन्त नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से देशभर के टॉप मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट प्रतियोगी परीक्षा एवं जेईई सहित अन्य एजेंसियों के माध्यम से होने वाली परीक्षा जैसे यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन, स्टाफ सेलेक्शन कमीशन, रेल्वे भर्ती बोर्ड, इंस्टीट्यूट ऑफ बैकिंग पर्सनल सेलेक्शन, सेन्ट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट, चार्टर्ड एकांउटेंट एग्जामिनेशन, कंपनी सेक्रेट्री एग्जामिनेशन एवं तमाम प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षाओं के लिए अपने गृह जिले के आसपास भी कोई सेन्टर न होने के वजह से परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
आज भी बस्तर संभाग क्षेत्र के अभ्यर्थियों को दूर-दराज के परीक्षा केन्द्र 300 किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर या विशाखापट्टनम और उससे भी अधिक दूरी पर 556 किलोमीटर हैदराबाद, 600 किलोमीटर नागपुर, 950 किलोमीटर भोपाल आंबटित होने की स्थिति में कई दिक्कतों का सामना करने को मजबूर हैं। इसके अलावा बस्तर के दूरस्थ व अतिनक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर के अभ्यर्थियों को तो केवल प्रदेश की राजधानी तक पहुॅचाने के लिए 500 किलोमीटर से भी अधिक दूरी की यात्रा करनी पड़ती है। जिससे सही समय में परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचना बड़ी चुनौती बनी रहती है। और इस आदिवासी अंचल की एकल महिला के लिए तो इन केन्द्रों पर पहुॅचना ही असंभव होता है।
उक्त समस्याओं के अतिरिक्त बेरोजगार अभ्यर्थियों को होटल-धर्मशाला आदि में कमरा लेना एवं यात्री किराया की दोहरी मार से होने वाले मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ता है, जो उन सभी के लिए किसी दण्ड से कम नहीं है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए कई बार तो आर्थिक खर्च के चलते अपने ही प्रदेश के दूर-दराज शहर तक जाने या फिर अन्य प्रदेश में आने-जाने की परेशानियों के चलते अभ्यर्थी आवेदन फार्म भरने के उपरांत परीक्षा में हिस्सा ही नहीं लेते।
प्रधानमंत्री मोदी से बाफना ने आग्रह करते हुए कहा है कि, बुनियादी सुविधाओं से वंचित दूरस्थ बस्तर आदिवासी अंचल में निवास कर रहे है, यहॉ के महिला व पुरूष अभ्यर्थियों के लिए नीट एवं जेईई जैसी तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं का केवल एक सेन्टर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में ही खोल दिया जाये तो बस्तर संभाग के अन्य जिले दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, कोण्डागांव, के युवाओं को भी न सिर्फ आवागमन की असुविधा एवं बड़े शहरों में रूकने, खाने सहित अन्य खर्च कम होगा व इससे उन्हें बहुत बड़ी राहत मिलेगी। बल्कि अन्य शहरों के युवाओं के समान उन्हें भी अपने सपनों को साकार करने के लिए घर बैठे मौका मिलेगा।