गरियाबंद

गुटखा-गुड़ाखू की कालाबाजारी को लेकर एसडीएम ने दुकान-गोदामों में मारा छापा
11-Jan-2022 3:27 PM
गुटखा-गुड़ाखू की कालाबाजारी को लेकर एसडीएम ने दुकान-गोदामों में मारा छापा

नाराज कारोबारियों ने किया बंद का आह्वान, कलेक्टर की समझाइश के बाद बदला फैसला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 11 जनवरी।
रविवार देर रात गरियाबंद अनुविभाग  के अनुविभागीय अधिकारी विश्वदीप यादव ने गुटखा-गुड़ाखु के कालाबाजारी की शिकायत को लेकर नगर के कुछ व्यापारियों के दुकान व गोदामों में औचक छापामार कार्रवाई के दौरान एसडीएम ने देर रात व्यापारियों के दुकानों व गोदामों के ताले खुलवाए और दलबल के साथ गोदाम की जांच की लेकिन जांच में कुछ भी हाथ नहीं लगा। जिसके बाद अधिकारी बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। इधर रविवार बंद के दिन दुकान और गोदाम खुलवा कर छापामार कार्रवाई को लेकर व्यापारियों में जमकर आक्रोश दिखा। जांच के दौरान भी व्यापारियों नाराजगी जताई। इधर छापामार कार्रवाई में कुछ भी हाथ नहीं लगने के बाद रात में एसडीएम यादव मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। वहीं व्यापारियों से उन्होंने से इसे रूटिंग जांच बताया। जांच के दौरान तहसीलदार दुबे तथा जिला खाद्य अधिकारी तरूण बिरला भी उपस्थित थे।

ज्ञात हो कोरोना के बढ़ते मामले और लाकडाउन लगने की संभावना के चलते जिले में लगातार गुटखा गुड़ाखू और खाद्य सामाग्रियों के दाम बढऩे की अफवाहे उड़ रही है। जिसके चलते गुटखा गुड़ाखू के कालाबाजारी होने की शिकायते भी सामने आने लगी है। इसे देखते हुए रविवार रात अचानक ही एसडीएम विश्वदीप यादव ने नगर के व्यापारियों के गोदामों में छापामार कार्रवाई कर दी। कार्रवाई के पहले एसडीएम के पास कालाबाजारी के ठोस जानकारी नहीं होने के चलते उन्हें बेरंग ही लौटना पड़ा। प्रशासन को मिली शिकायत झूठी निकली।  
इधर अचानक हुई कार्रवाई से नाराज व्यापारियों ने एकजुट होकर सोमवार सुबह कार्रवाई के विरोध में नगर बंद का आहन किया। इसके लिए बकायदा कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन कलेक्टर के समझाइश के बाद व्यापारियों ने अपना फैसला वापस ले लिया। कलेक्टर व्यापारियों से इस मामले में दो दिवस के भीतर बैठक करने का आश्वासन दिया। व्यापारियों ने कहा कि झूठी शिकायतों और जांच से व्यापारी वर्ग आहत है। समाज में उनकी छबि धूमिल हो रही है।  

कार्रवाई के बाद सवालों के घेरे में प्रशासन
इधर कार्रवाई के बाद प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। दरअसल शासन और जिला कलेक्टर से छापामार कार्रवाई के लिए किसी प्रकार के निर्देश जारी नहीं किए गए थे। एसडीएम ने सीधे छापामार कार्रवाई कर दी। प्रदेश में भी कालाबाजारी के हालत नहीं बने है ना कि जिले में ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। कार्रवाई के बाद अधिकारियों को भी बेरंग लौटना पड़ा।

सुत्रो के मुताबिक प्रशासन को पहले व्यापारियों की बैठक लेकर समझाइश देनी थी, जिसके बाद ठोस शिकायत और जानकारी मिलने के बाद भी छापामार कार्रवाई करनी थी। अचानक सप्ताहिकी बंद के दिन रात को ताला खुलवाकर छापामार कार्रवाई करने के पीछे क्या कारण था, इसे लेकर प्रशासन ठोस जवाब नहीं दे सका।

कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर का कहना है कि ज्यादा कीमत में सामान बेचने की शिकायत मिली थी। लोगों को सही कीमत सामान मिले और व्यापारी परेशान ना हो इसके लिए जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी। बंद की कोई स्थिति नहीं है। शिकायत के कारण बिती रात जांच की गई।  

एसडीएम विश्वदीप यादव ने कहा कि शिकायत मिलने पर छापामार कार्रवाई की। शासन या उच्च अधिकारी के निर्देश नहीं थे। कार्रवाई में कुछ नहीं मिला। शिकायत झूठी मिलने के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि कई जगहों से शिकायत आई थी इसलिए कार्रवाई की।

गैर व्यापारी कर रहे गुड़ाखू पेटी की मांग, नहीं मिलने पर कर रहे झूठी शिकायत
इधर नाम ना छपने की शर्त पर कई व्यापारियों ने बताया कि नगर में उनके कोचिया व्यापारियों से ज्यादा गैर व्यापारी वर्ग के लोग बड़ी मात्रा में गुड़ाखू पेटी की मांग कर रहे है। मना करने पर यही प्रशासन में झूठी शिकायत कर रहे है।

पिछले लॉक डाउन में व्यापारियों से ज्यादा गैर व्यापारी तपके के लोगों ने गुटखा गुड़ाखू का स्टाक जमा कर जमकर मुनाफा कमाया था। जिसके चलते गुड़ाखू की कीमत सामान्य से कई गुणा बढ़ गई थी।

इस बार मुनाफा कमाने के चक्कर में गैर व्यापारी वर्ग के लोगों ने व्यापारी से बड़ी मात्रा में गुड़ाखू की मांग कर रहे है। जिसके चलते व्यापारी वर्ग परेशान है। उपर से प्रशासन भी इस पर व्यापारी से चर्चा कर वस्तुस्थिति जानने के बजाय सीधे कार्रवाई करने जुट गया है।
 

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