बालोद

बिना डायवर्सन कृषि भूमि में आशियाना बनाने की तैयारी
11-Jan-2022 4:07 PM
बिना डायवर्सन कृषि भूमि में आशियाना बनाने की तैयारी

बालोद जिला बना अवैध प्लाटिंग का हॉट स्पॉट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 11 जनवरी। 
जमीनों के दाम आसमान छूने के साथ ही अवैध प्लाटिंग का काम तेजी से फल फूल रहा है। बालोद जिला इन दिनों अवैध प्लाटिंग का हॉट स्पॉट बना हुआ है। कृषि भूमि को किस तरह से अवैध प्लाटिंग कर कंक्रीट के जंगल में बदला जा रहा है, इसकी बानगी देखनी है तो नगर पंचायत क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है। मामला गुरुर नगर पंचायत क्षेत्र का है, जहां नेशनल हाईवे बालोद-धमतरी 930 के नीचे करीब तीन एकड़ की कृषि भूमि पर धड़ल्ले से बिना स्वीकृति के अवैध प्लाटिंग की तैयारी है। अवैध प्लाटिंग कोई नई बात नहीं है, मगर जिम्मेदारों के नाक के नीचे यदि कायदे-कानून को ठेंगा दिखाकर जख्म गहरा किया जाए तो अनेक सवाल उठते हैं। बेखौफ भूमाफिया के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने पुल की रेलिंग को तोडक़र प्लाटिंग के लिए कच्चे-पक्के निर्माण को अंजाम दिया जा रहा हैं। और जिम्मेदार विभाग इस सब से बेखबर बने हैं। सरकारी अमानत में खयानत की जो तस्वीर प्लाटिंग स्थल पर दिख रही है, उससे इस महकमे की मिलीभगत के साफ संकेत मिल रहे हैं।

कृषि भूमि में अवैध प्लाटिंग की तैयारी  
राजस्व विभाग से जुड़े सूत्रों कि माने तो इस जमीन का अभी तक डायवर्सन नहीं किया गया है। न ही विधिवत कोई अनुज्ञप्ति प्राप्त की गई है। ऐसे में अब गुरुर अंचल में भू-माफियाओं ने अपना जाल बिछाते हुए ग्रामीण किसानों को अपने शिकंजे में कसना शुरु कर दिया है। उक्त कृषि भूमि गुरुर पटवारी हल्का नंबर 21 की है। जिसमें खसरा नंबर 135/1.135/4.136 रकबा 0.29, 0.01 हेक्टेयर कुल रकबा 2 एकड़ 97 डिसमिल है। कृषि भूमि बालोद के किसी भूमाफिया की बताई जा रही है। जमीन में प्लाटिंग की हलचल शुरू हो गई। कृषि जमीन को समतल कर दिया गया और प्लाटिंग के लिए चारो ओर से मिट्टी मुरुम की सडक़ बनाई जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार इस जमीन को एक दलाल ने खरीदने का अनुबंध किया है।  

पुल की टूटी रेलिंग दे रही हादसों को न्योता
बालोद से धमतरी मार्ग एनएच 930 में गुरुर प्रवेश के ठीक पहले एक छोटा पुल बना है। जिसके दोनों तरफ लोहे की रेलिंग लगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग में बने पुल के एक तरफ की रेलिंग को तोडक़र बाकायदा अवैध प्लाटिंग की साज-सज्जा की जा रही है। भूमाफिया द्वारा इसके लिए राष्ट्रीय राज मार्ग विभाग से किसी भी प्रकार की शासकीय अनुमति नहीं ली गई है। टूटी रेलिंग काफी खतरनाक है जो हादसों को न्योता देने के लिए काफी है। कायदे से नेशनल हाइवे के अधिकारियों को अविलंब इस पुल का जायजा लेना चाहिए, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ हो नहीं रहा है। जबकि सबको मालूम है कि हाइवे पर कई कारणों से सडक़ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पर जिम्मेदारों को इनसे कोई मतलब ही नहीं है।

न जान की परवाह और न नियमों की  
कायदे कानून ताक पर इस कदर लापरवाही बरती जा रही है कि मौत की छांव में आशियाना बनाने की तैयारी हो रही है। अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो पल भर में जिंदगी मौत के मुंह में समा जाएगी। कृषि भूमि के उक्त खसरे के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरती है। उच्च क्षमता की विद्युत लाइन के टूटने पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बिजली हादसों में आए दिन कई लोगों की मौत होती है। सरकारी निर्देशानुसार हाई टेंशन लाइन के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बाद भी यहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण की तैयारी है।

किसान लगा चुके हैं गुहार  
एनएच 930 से लगा एक रपटा है जिसमें आसपास के खैरवाही, टेंगना बरपारा, कन्हारपुरी, सोनई डोंगरी, गुरुर इत्यादि का बरसाती पानी बहता है। अतिवृष्टि के दौरान बाढ़ जैसे हालात भी पैदा होता है। उक्त खसरा उस रपटे से लगा है। जहां अनाधिकृत रूप से करीब 3 फीट भूमि को मुरुम से पाटा जा रहा है। उक्त कार्य से बरसाती पानी के बहाव की प्रभावित होने की आशंका है। बड़े तादात में कृषकों को समस्या के अलावा नेशनल हाईवे 930 के क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना बनेगी। कृषको के द्वारा उक्त कार्य मे रोक लगाने की मांग नगर पंचायत के सीएमओ से की जा चुकी है।

अवैध प्लाटिंग पर प्रदेश का शासन सख्त, जिले का प्रशासन नरम  
अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार सख्त रवैया अपनाया हुआ है। एक ओर जहां राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए है, वहीं दूसरी ओर नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने राज्यभर में चल रहे तमाम अवैध प्लाटिंग पर अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा है। लेकिन सरकार के मंत्रियों के आदेश की पालना के लिए प्रशासनिक अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसकी बानगी बालोद जिले में देखने को मिल रही है। जिलेभर में अवैध प्लाटिंग का सिलसिला बेखौफ जारी है।

एसडीएम रश्मि वर्मा का कहना है कि उक्त खसरे में नकल जारी नहीं किए जाएंगे। जब तक कालोनाइजर का लाइसेंस नहीं लेंगे तब तक किसी भी तरह के निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिना डायवर्सन की खरीदी बिक्री नहीं होगी।  

बालोद एनएच शेख वसीम इंजीनियर का कहना है कि मामला संज्ञान में है। एक दो बार स्पॉट में भी गया हूं, पर वहां कोई नहीं मिला। रेलिंग तोडऩे की कोई अनुमति नहीं ली गई है और न ही इसकी जानकारी विभाग को दी गई है। नोटिस देने की तैयारी है। उच्च अधिकारियों से चर्चा कर नोटिस के बाद कार्रवाई की जाएगी।  
 

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