कोरिया

कहीं नींव खोदी तो कहीं दीवार खड़ी हुई, बरसों से अधूरे निर्माण पर कार्रवाई के निर्देश
11-Jan-2022 6:10 PM
कहीं नींव खोदी तो कहीं दीवार खड़ी हुई, बरसों से अधूरे निर्माण पर कार्रवाई के निर्देश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर, (कोरिया) 11 जनवरी। सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्य कई वर्षों से राशि जारी होने के बाद भी आधे अधूरे पड़े हुए है। निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण मिली राशि के गबन के मामले में जिला पंचायत कोरिया के सीईओ कुणाल दुदावत ने गंभीरता से लेते हुए निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी कर धारा 92 पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखा है और 15 जनवरी तक कार्रवाई का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत सोनहत जनपद पंचायत अंतर्गत शाला भवन निर्माण, अतिरिक्त भवन निर्माण, प्रधान पाठक कक्ष निर्माण, बाउन्ड्रीवॉल निर्माण, स्कूल शौचालय निर्माण,  स्कूल भवनों का दीर्घ मरम्मत कार्य के लिए राशि जारी की गयी थी लेकिन ज्यादातर कार्य आज कई वर्ष बीत जाने के बाद भी आधे अधूरे पड़े हुए हैं, कहीं नींव खुदाई करने के बाद कार्य पूरा नहीं किया गया तो कहीं सिर्फ दीवार खड़ी की गयी है तो कहीं छत की ढलाई शेष है और राशि निकाल ली गई है। ऐसे कार्यों की स्वीकृति वर्ष 2007-08 के समय की है। ऐसे में स्वीकृत कार्य 14 वर्ष हो गये, इसके बाद भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस तरह की गंभीर लापरवाही को लेकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों के विरूद्ध धारा 92 पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को लेकर पत्र जारी किया है।

दूसरी ओर इनमें ऐसे कई सचिवों के जिम्मे काम था, जिन्हें भाजपा सरकार ने निलंबित कर किनारे बिठा दिया, कांग्रेस की सरकार आते ही ऐसे सचिवों को वापस काम पर लगा दिया गया। जबकि अब सीईओ के पत्र में राशि के गबन की बात का स्पष्ट उल्लेख है।

सोनहत में 43 शाला भवन निर्माण वर्षों से अधूरे

जानकारी के अनुसार शाला भवन निर्माण मरम्मत, बाउन्ड्रीवाल निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, कन्या शौचालय निर्माण कार्य लंबे समय से सोनहत जनपद क्षेत्र में अधूरे पड़े हुए हैं, जबकि उन कार्यों के लिए राशि जारी कर दी गयी थी। ज्यादातर कार्यों के लिए ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था तथा कुछ कार्यों के लिए शाला प्रबंधन समिति को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था, लेकिन निर्माण एजेंसी के द्वारा राशि जारी होने के बाद भी कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने की दिशा में ध्यान नहीं दिया गया। जिस कारण सिर्फ सोनहत जनपद क्षेत्र में ही लाखों रूपये के शाला भवन निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार इस जनपद क्षेत्र में स्वीकृत वर्ष 2007-8 से लेकर 2021-22 तक के स्वीकृत कार्य अधूरे पड़े हैं।

कोरिया जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत निर्माण कार्यों में भारी लापरवाही देखने को मिल रही है। सोनहत जनपद क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत शाला भवन व उससे संबधित कार्यों को स्वीकृत कर राशि जारी की गयी, लेकिन  लापरवाही का आलम यह है कि 14 सालों में कहीं सिर्फ नींव खोदकर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया तो कहीं पर सिर्फ दीवार खडी कर वर्षों से अधूरा छोड़ दिया गया है इतने सालों के बीच में भवन निर्माण कार्य पूरे होने के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं ली गयी।

कई बरस बीतने पर कहां कौन-कौन से कार्य हैं अधूरे

सोनहत जनपद अंतर्गत कई बरस बीतने के बाद भी कई शाला भवन अधूरे पड़े हैं, जिनमें माशा भवन निर्माण मझगवां, बसेर, भरहीडीह, कोठाडांड, नवाटोला के शामिल है, जिस कार्य को वर्ष 2007 से 09 के बीच स्वीकृत किया गया था। इसी तरह अतिरिक्त कक्ष निर्माण प्राशा मझगवां, प्राशा बोडार, माशा चकडड वर्ष 2008-09 में स्वीकृत है। इसके अलावा अतिरिक्त कक्ष निर्माण माशा धुम्माडॉड, माशा देवतीडांड, माशा कचोहर, माशा मधौर, माशा दुधनियां, माशा गोयनी शामिल हंै। वहीं प्रधान पाठक कक्ष निर्माण ओदारी, भैसवार, कैलाशपुर, केशगवां, धनपुर, सुकतरा में स्वीकृत वर्ष 2010 से 2012 तक के प्रधानपाठक कक्ष निर्माण  की दीवार खडी हुई तो छत निर्माण बचा हुआ है। स्कूल बाउंड्रीवाल निर्माण मधला, लोलकी, दामुज में वर्ष 2012-13  में स्वीकृत कार्य अधूरे पड़े हैं।

दीर्घ मरम्मत कार्यों हेतु वर्ष 2021-22 में स्वीकृत माशा तंजारा, माशा लटमा, प्राशा कटगोड़ी, बालम आश्रम तेलीमुड़ा तथा माशा घुघरा के लिए राशि स्वीकृत की गयी है लेकिन अब तक कार्य प्रारंभ नहीं किये गये है। इसके अलावा भी कई स्थानों पर स्वीकृत कार्य कई वर्ष बीतने के बाद भी आधे अधूरे पड़े हुए हैं।

वर्षों से कन्या शौचालय भी अधूरे पड़े

सोनहत जनपद क्षेत्र के कई विद्यालयों में वर्ष 2013-14 में स्वीकृत कन्या शौचालय भी अधूरे पड़े हुए हंै। निर्माण कार्य के लिए शाला प्रबंधन समिति को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है। कन्या शौचालय नहीं बनने के कारण विद्यालय के छात्राओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि स्कूल में शौचालय निर्माण मूलभूत सुविधाओं में से एक है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार माशा उज्ञाव, माशा आनंदपुर, माशा रामगढ, माशा बंशीपुर, माशा अकलासरई, माशा तर्रा में आठ नौ सालों से स्वीकृत कन्या शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया जा सका है। इतनी बड़ी लापरवाही होने के बाद भी किसी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली।

 

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