बिलासपुर
बैंक मैनेजर बोले-हम जवाबदार नहीं..!
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 जनवरी। वर्ष 2020 में बेटे की शादी में गिफ्ट में मिले ज्वेलरी सहित पत्नी के गहनों को एसईसीएल के अफसर ने स्टेट बैंक के लॉकर में रखा था। कल दोपहर वह अपनी पत्नी के साथ डेली यूज के गहनों को लॉकर में रखने के लिए बैंक पहुंचे। लॉक खोलने के बाद उनके होश उड़ गए, क्योंकि लॉकर के अंदर रखे सारे जेवरात गायब थे। उन्होंने इस मामले की शिकायत सरकंडा थाने में की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीपत रोड शकुंतला हाईट्स निवासी दिनेश पांडेय (56 वर्ष) एसईसीएल मुख्यालय के एमएम डिपार्टमेंट में ऑफिस सुपरिटेडेंट हैं। उनका स्टेट बैंक एसईसीएल ब्रांच में एकाउंट है। बैंक में उन्होंने साल 2009 में लॉकर खुलवाया और उन्हें लॉकर नंबर 6/54 एलाट हुआ। जहां उन्होंने अपनी पत्नी के पुराने व नए जेवरों को रखा था। जिसे वे अपनी बेटी की शादी के लिए खरीदे थे।
30 अप्रैल 2020 को बेटे की शादी हुई, तब गिफ्ट में मिले ज्वेलरी को भी उन्होंने बैंक के लॉकर में ले जाकर रख दिया था। इसके बाद से उन्होंने लॉकर नहीं खोला है। कल सुबह उन्हें और उनकी पत्नी को बेटी से मिलने बेंगलुरू जाना था, इसलिए बाहर जाने से पहले उनकी पत्नी के कुछ और गहनों को लॉकर में रखना था। मंगलवार दोपहर वे बैंक पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने बैंक मैनेजर से बात की तो लॉकर की एक चाबी प्यून लेकर आया। दूसरी चाबी उनके खुद के पास था। प्यून ने बैंक की चाबी से लॉकर खोला और चला गया। दिनेश पांडेय ने अपनी चॉबी से लॉकर खोलकर भीतर देखा, लॉकर के अंदर रखे जेवर वगैरह गायब मिले।
घबराए अफसर ने ब्रांच मैनेजर को बुलाया और जेवरात के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने जानकारी होने से इंकार कर दिया। बैंक प्रबंधक के हाथ खड़ा करने पर उन्होंने इस मामले की शिकायत सरकंडा थाने में की है।
दिनेश पांडेय ने पुलिस को बताया कि उन्होंने आखिरी बार 30 अप्रैल 2020 को लॉकर खोला था। उस समय वे जयपुर से लौटे थे और उसमें जेवर रखकर चले गए थे। लॉकर के भीतर उनकी पत्नी के पुराने व बेटी की शादी के लिए खरीदे नए जेवर सहित करीब 10 लाख के गहनों के साथ ही कुछ जरूरी पेपर भी रखे हुए थे। भगवान की एक फोटो भी रखते थे, जो गायब है। उनका कहना था कि लॉकर का किराया दे रहे हैं तो बैंक की जवाबदारी तो बनती है।
दिनेश पांडेय के अनुसार 30 साल पहले उनकी शादी हुई और 28-30 साल से नौकरी कर रहे हैं। जो उनके पास जमा पूंजी थी, सभी गायब हो गई। उन्होंने बिड क्वाइन व क्रिप्टो क्वाइन में भी रकम इन्वेस्ट किया था, जिसका पासवर्ड भी लॉकर में था। उन्होंने बैंक मैनेजर पर सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया है। जब बैंक में लगे कैमरे का फुटेज देखने के लिए कहा तो मैनेजर ने टालते हुए कहा कि उनके पास 90 दिन से अधिक के फुटेज नहीं है।
एसबीआई के मैनेजर राजेश रंजन का कहना है कि बैंक लॉकर हमेशा दो चाबी से खुलता है। लॉकर उपयोग करने वाला उसमें क्या रखता है या निकालता है, यह बैंक को पता नहीं रहता। ऐसे में बैंक की कोई जवाबदारी नहीं है। बैंक में साढ़े छ: सौ लॉकर हैं। बैंक लॉकर टूटता या डेमेज होता और उसमें से जो भी आइटम गायब होते तो हमारी जवाबदारी होती।
थाना प्रभारी प्रवेश तिवारी ने बताया कि शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान बैंक जाकर रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज चेक किया जाएगा। इसके बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी।