बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 12 जनवरी। भोपालपटनम दौरे पर पहुंचे छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं बस्तर संभाग के प्रभारी राजाराम तोडम ने फारेस्ट रेस्टहाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा है कि ईसाई समुदाय के द्वारा जो धर्मान्तरण हमारे आदिवासी जन जातियों में हुआ है, उन्हें पुन: छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के द्वारा धर्मान्तरण पर लगाम लगाने की पहल पूरे छत्तीसगढ़ में जोर शोर से किया जा रहा है, जो आदिवासी भाई भूले भटके या किसी अन्य प्रलोभन में आकर धर्मान्तरण कर लिए. उन्हें सम्मान पूर्वक वापस अपने घर वापसी सर्व आदिवासी मंच के माध्यम से किया जा रहा है।
आदिवासी संस्कृति व समाज की रक्षा हो बस्तर संभाग में 12 जनजाति के लोग रहते ह,ै जिसमें 04 उपजाति 08 जनजाति के लोग है, वे अपने भोलेपन के कारण या पैसे के लालच व इलाज के कारण या ईसाई समुदाय के फादरो की किसी अन्य प्रलोभन के कारण धर्मान्तरण किये है, लेकिन कुछ समय बाद जब इन्हें पता चला कि इसमें विदेशी ताकत का षडयंत्र है जो हमको फिर से गुलाम बनाने की तैयारी कर रही है जो हमारे देश के लिए आने वाले दिनों में खतरा है, जो हमारे देश को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। आने वाले दिनों में शासन प्रशासन अगर कोई नया कानून बनाकर धर्मांतरण करने वालो पर आरक्षण को समाप्त कर सकता है।
आदिवासी समुदाय के लोग आरक्षण से वंचित हो जाएंगे, बस्तर संभाग में 5 वी अनुसूची चल रहा है जिसके तहत ग्राम पंचायत में बिना ग्राम सभा के अनुमति के बिना कोई काम नहीं हो सकता है, लेकिन कई जगह ईसाई समुदाय के द्वारा मनमाने ढंग से जहां पड़े वह चर्च बने है हम छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के माध्यम से शासन प्रशासन से मांग करते है कि बिना पंचायत प्रस्ताव का जो भी काम किया गया है या चर्च बना है तो उस पर कार्रवाई करना चाहिए। श्री तोड़म ने कह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जो छत्तीसगढ़ राज्य बीजापुर जिले मजदूर तेलंगाना मिर्ची तोडऩे जा रहे थे वह सडक़ दुर्घटना में जिन 2 मजदूरों की मृत्यु हुआ उन परिवारों को 2 दो 2 दो लाख क्षति देने का घोषणा की है।
वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सूबे के मुखिया उत्तर प्रदेश लखीमपुर जाकर वहां के क्षतिग्रस्तों को 50 लाख देने की घोषणा करते है और बस्तर के आदिवासियों के साथ भेदभाव करते है, ये बस्तर आदिवासियों के साथ किस प्रकार का न्याय है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मजदूरो की पलायन को रोकने में असफल रही है, हम छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी मंच से मांग करते है पीडि़त परिवारों को 50 लाख क्षतिपूर्ति दिया जाए।
श्री तोड़ेम ने कहा है कि मनरेग का काम को पंचायतों में मशीनों से किया जा रहा है और लाखों करोड़ों रुपये निकले जा रहे है। मनरेगा के अन्तर्गत सभी काम मशीनों से किया जा रहा है, जिससे गाँव के गरीबों को ग्रामों में काम नहीं मिल रहा है, जिससे काम की तलाश में वे मजबूरन पड़ोसी राज्यों में काम के लिए जाना पड़ रहा है।