बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 जनवरी। बलौदाबाजार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी इस वर्ष तेज गति से चल रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते धान की खरीदी पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। पलारी विकासखंड अंतर्गत जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा कोदवा के अंतर्गत आने वाले धान खरीदी केंद्र रेंगाडीह, जारा, कोदवा, गाड़ाभाठा, देवसुंद्रा, साराडीह, गिर्रा, खरतोरा, जर्वे, सुंद्रावन में बारिश के प्रभाव के चलते अगले दो से तीन दिनों तक खरीदी प्रभावित रह सकती है। इसका कारण उपार्जन केंद्रों में फड़ का गीला होना बताया जा रहा है। हालांकि शाखा एवं समिति प्रबंधकों का दावा है कि मौसम खुलते ही एक बार फिर से खरीदी शुरू कर ली जाएगी।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा कोदवा के शाखा प्रबंधक रामसुख साहू व सुपरवाइजर कुमार वर्मा के अनुसार इस वर्ष कोदवा शाखा के 10 धान खरीदी केंद्र में से पंजीकृत किसानों से 4 लाख 1 हजार 885 क्विंटल धान खरीदी करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 2 लाख 57 हजार 35 क्विंटल धान की खरीदी कर ली गई है और 1 लाख 44 हजार 850 क्विंटल धान खरीदी अभी शेष है। अभी तक खरीदे हुए धान से 1 लाख 11 हजार 369 क्विंटल धान का परिवहन हो गया है। 1 लाख 45 हजार 666 क्विंटल धान का परिवहन शेष है जो उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। 9 हजार 629 किसान पंजीकृत है, जिसमें से 7 हजार 686 किसानों से खरीदी की गई है, 1 हजार 943 किसानों से खरीदी अभी और करनी है।
समिति प्रबंधक जारा पंचराम, रेंगाडीह ललित साहू, कोदवा रामेश्वर साहू, साराडीह द्वारिका साहू, देवसुंद्रा श्रीचंद, जर्वे श्याम लाल फेकर, गाड़ाभाठा मोहनदास वैष्णव, गिर्रा डोमार साहू, खरतोरा दुर्गेश गेंडरे ने बताया कि इस बार हुई बारिश के कारण धान को काफी कम नुकसान पहुंचा है। इसका कारण मौसम पूर्वानुमान जारी होते ही समय रहते तैयारी पूरी कर लिया गया है। हालांकि उपार्जन केंद्रों में फड़ पूरी तरह से गीला है और इससे धान की खरीदी अगले दो से तीन दिन तक प्रभावित हो सकती है। सोमवार से होने वाली बारिश को लेकर दो दिन पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। ऐसे में कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग और विपणन विभाग के अधिकारियों के साथ सभी एसडीएम ने बैठक लेकर धान को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए थे। समय रहते ही धान को सुरक्षित रखने के संबंध में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। केंद्रों में लिमिट से ज्यादा धान होने के बाद भी इस बार तिरपाल व कैप कवर की समुचित व्यवस्था समितियों के द्वारा की गई है।