महासमुन्द
2 अरब 81 लाख, वापसी का इंतजार
39 डायरेक्टर्स पकड़ाए, 133 संस्थाओं के डायरेक्टर्स लापता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 जनवरी। महासमुंद जिले के पौने दो लाख निवेशकों को चिटफंड में डूब चुके रकम की वापसी का इंतजार है। इन निवेशकों को यह कब तक लौटाया जाएगा, इसकी कोई जानकारी शासन-प्रशासन के पास नहीं है। महासमुंद जिले में चिटफंड कंपनियों से रकम वसूली के लिए कुल एक लाख 9 हजार 456 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों के अनुसार कुल 172 चिटफंड कंपनियों में महासमुंद जिले के निवेशकों ने दो अरब 28 करोड़ 81 लाख रुपए जमा किए थे। इन संस्थानों ने निवेशकों को रुपए डबल यानी दोगुना करने का सपना दिखाया था। इससे प्रार्थी उनके झांसे में आ गए और अपनी गाढ़ी कमाई लुटा दिया। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से निवेशकों को रकम वापसी की आस है। बहरहाल जिले के सभी निवेशकों के आवेदन एसडीएम दफ्तर के बंद कमरे में धूल खाते पड़े हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि शासन से आवेदन लेने का आदेश जारी हुआ था। जिसके तहत आवेदन मंगाए गए थे। प्राप्त आवेदनों के द्वारा ठगी किए गए डायरेक्टरों की धरपकड़ के लिए पुलिस विभाग को सूची सौंप दी गई है। पुलिस विभाग के अधिकारी निवेशकों को ठगने वाले डॉयरेक्टर को पकडऩे की कार्रवाई में लगी है। पुलिस ऐसे मामले में अब तक केवल 39 डायरेक्टर्स को ही पकड़ पाई है। वहीं 133 संस्था के डायरेक्टर्स के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। पकड़े गए डायरेक्टर्स की संपत्ति का ब्योरा भी प्रशासन को अब तक नहीं मिला है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर का कहना है कि दर्ज अपराधों में चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर्स की गिरफ्तारी जारी है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। सूचना मिलते ही ऐसे लोगों को पकड़ा? जा रहा है। महामसुंद जिले के पांच थानों में ही प्रकरण दर्ज किया गया है। दर्ज प्रकरण के अनुसार पटेवा में दर्ज मामले में 8, तुमगांव में दर्ज मामले में 3, बसना में दर्ज मामले में 4, महासमुंद में दर्ज मामले में 8, सरायपाली में दर्ज मामले में 16 डायरेक्टर्स की गिरफ्तारी की गई है। शेष की गिरफ्तारी के लिए टीम उनका लोकेशन ट्रेस कर रही है।