बलौदा बाजार
ग्राहकों को 40 हजार से नीचे कैश जमा करने पर एटीएम अनिवार्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 जनवरी। स्थानीय स्टेट बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली से लोग परेशान हैं। स्टेट बैंक प्रबंधन ने ग्राहकों को 40 हजार से नीचे कैश जमा करने पर एटीएम अनिवार्य कर रखा है, जिससे बिना एटीएम के बैंक पहुंचने वाले ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा मंडल कसडोल के अध्यक्ष कृष्णा कुमार पटेल ने मनमानी कर रहें बैंक प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
ऐसा ही एक मामला मंगलवार को देखने को मिला। जब नगर के युवा भानु प्रताप साहू अपने बैंक खाते में 20 हजार रुपये जमा करने बैंक पहुंचे तो पहले कैशियर ने कैश ले लिया लेकिन फिर भय से प्रबंधक से बात करने की बात कही। जब युवक ने प्रबंधक से बात की तो बैंक प्रबंधन ने कैश जमा करने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद युवक ने रुपये जमा नहीं करने के संबंध में आदेश की कॉपी मांगी तो बैंक प्रबंधक ने आदेश की कॉपी तो नहीं दिया बल्कि कैश जमा मैनुअल करने और ट्रांजेक्शन दिखाने के साथ ही केंद्र सरकार को कोसते हुए कहा कि शिकायत करना है तो केंद्र सरकार से करो जो पूरा डिजिटल करा रहे हैं। फिलहाल युवक ने इस पूरे मामले की शिकायत स्टेट बैंक के टोल फ्री नंबर में करते हुऐ लीड प्रबंधक मदन मोहन प्रसाद के पास दूरभाष के माध्यम से की है।
हालांकि सूत्रों की माने तो शिकायत के बाद बैंक प्रबंधन ने अपनी करतूतों को छिपाने कुछ लोगों का पैसा जमा करना प्रारंभ कर दिया था, लेकिन युवक के साथ हुई घटना के पहले पैसे जमा की जांच अगर की जाए तो मामला पूरी तरह साफ हो जाएगा। इस संबंध में सोनम बैंक प्रबंधक, एसबीआई कसडोल ने कहा कि 12 लोगों का पैसा जमा किया है। हम लोग पैसा जमा कर रहे हैं। वहीं मदन मोहन प्रसाद लीड प्रबंधक, बलौदाबाजार ने बताया कि एटीएम से पैसा जमा करने का कोई आदेश नहीं है। बैंक अगर पैसा मैनुअल नहीं ले रहा है तो मैं देखता हूँ।
ग्राहक होते हैं परेशान
मिली जानकारी के अनुसार नगर में सबसे ज्यादा शिकायत स्टेट बैंक की है, जहां के कर्मचारी सीधे मुहं किसी से बात नहीं करते। साथ ही ग्राहकों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता। जिससे स्टेट बैंक के ग्राहक खाता बंद कराकर अन्य बैंकों का रुख कर रहें है। नगर के संतोष वर्मा ने बताया कि उनके पुत्र का खाता स्टेट बैंक कसडोल में था, जो खाता माइनर था। लेकिन उसके पुत्र के खाते को मेजर करने में बैंक ने संतोष वर्मा को 20 दिनों का चक्कर लगावाया। फिर भी बैंक को संतोष नहीं मिला जिससे संतोष वर्मा ने अपने पुत्र का खाता बंद कराकर अन्य बैंक में खाता खुलवाया।
खाता खोलने में करते है आनाकानी
जानकारी के अनुसार बैंक प्रबंधन सामान्य लोगों का खाता खोलने में 15 से 20 दिनों का समय लेता है, जबकि ग्राहक लगातार बैंकों के चक्कर काटते रहते हैं। कसडोल के गोपाल चेलक ने बताया कि उनका संयुक्त खाता खोलवाने में 2 माह लग गया था, जबकि उसकी पत्नी गर्भवती थी। लेकिन लगातार बैंक प्रबंधन आज-कल करके 2 माह तक चक्कर कटवाने के बाद उनका खाता खोला। इस दौरान लगातार गोपाल अपनी पत्नी के साथ बैंक के चक्कर काटता रहा।
बुधवार को रहता था बंद
नगर में संचालित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा 3 वर्ष पूर्व बुधवार को बंद रहता था। ऐसा हाल कई वर्षों से चला आ रहा था। जब इसकी सूचना नगर के युवा भानु प्रताप साहू को लगी तो उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मंगाकर पूछा कि बैंक किस आदेश के तहत बुधवार को बंद किया जाता है।
इस पर बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा था कि बुधवार को कोई आदेश नहीं है, बैंक बंद करने की। इस तरह बैंक प्रबंधन कई वर्षों से बुधवार व शनिवार को भी बैंक बंद करके लोगों को परेशान करने का काम करता रहा। हालांकि बाद में साहू के प्रयास से बुधवार को बैंक बंद होना बंद हो गया है।