राजनांदगांव

कालाबाजारी के लिए डंप 55 बोरियों में साढ़े छह लाख का गुटखा जब्त
14-Jan-2022 6:37 PM
कालाबाजारी के लिए डंप 55 बोरियों में साढ़े छह लाख का गुटखा जब्त

लैब में होगी जांच, तम्बाकू पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 14 जनवरी। कोरोनाकाल में व्यापारियों की कालाबाजारी करने की नियत पर प्रशासन ने नकेल कसने के लिए सिलसिलेवार छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन के इस सख्त रूख के चलते शहर के नंदई स्थित एक गोदाम से 55 बोरियों में साढ़े छह लाख के गुटखा बरामद किया गया है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी नेमीचंद पटेल के नेतृत्व में हेमंत ट्रेडर्स के गोदाम में गुरुवार को अफसरों की एक टीम धमक गई। अफसरों को गोदाम में भारी मात्रा में जर्दायुक्त पाउच और पान मसाले डंप किए जाने की सूचना मिली थी। अफसरों ने मौके पर कार्रवाई करते हुए तकरीबन साढ़े छह लाख रुपए की गुटखों की बोरियां जब्त कर ली है। हालांकि जब्ती के बाद बोरियां अब भी गोदाम में रखी गई है। नियमानुसार विभाग ने कार्रवाई करने के लिए बोरियों से सैंपल लिए हैं। सैंपलों में तम्बाकू होने के प्रमाण को जानने के लिए लैब भेजा गया है। लैब में तम्बाकू मिलने की पुष्टि के बाद ही व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

इस संबंध में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री पटेल ने ‘छत्तीसगढ़’  से कहा कि अलग-अलग स्तर पर जांच हो रही है। निकोटिन के प्रमाण के लिए लैब से ही अधिकृत पुष्टि होगी। वहीं दुकानदार के खिलाफ जमाखोरी के मामले में कार्रवाई की जा रही है। कोरोनाकाल में शहर में बड़े व्यापारियों ने गुड़ाखू, गुटखा और जरूरी खाद्य सामग्रियों को डंप कर रखा है।

कलेक्टर  निर्देश पर समूचे जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। इधर डोंगरगढ़ में एक खाद्य अधिकारी ने ग्राहक बनकर दुकानदार से सामानों की कीमतें जानने के लिए सामान मांगा। निर्धारित दर से अधिक में सामान बेचने के मामले में मिश्रीलाल चोपड़ा के दुकान को सील कर दिया गया है। एमआरपी रेट से अधिक सामान बेचने की वजह से टीम ने कार्रवाई की है।

निकोटिन मिलने पर दुकानदार पर गिरेगी गाज

बोरियों में मिले गुटखे के पाउच में निकोटिन मिलने की पुष्टि होने की सूरत में दुकानदार को गंभीर मामले में कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। नियमत: निकोटिन होने पर सीजीएम के न्यायालय में दुकानदार के विरुद्ध प्रकरण चलेगा।

अपराध सिद्ध होने पर सजा का भी प्रावधान है। यदि निकोटिन नहीं मिला तब भी दुकानदार को जमाखोरी और कालाबाजारी के मामले में एडीएम के न्यायालय में उपस्थित होना पड़ेगा। मिली जानकारी के मुताबिक जमाखोरी के आरोप के सच होने पर दुकानदार को अर्थदंड और सजा भी मिल सकती है।

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