बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 14 जनवरी। नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने महापौर को पत्र लिखकर अमृत योजना के अंतर्गत वॉटर सप्लाई स्कीम (डब्ल्यू एस एस)में हो रही अनियमितताओं और भर्राशाही पर तत्काल रोक लगाने की माँग की है।
पत्र के माध्यम से महापौर को अवगत कराते हुए उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना अमृत मिशन में बेहद घटिया तथा निम्न स्तरीय कार्य किया जा रहा है। 24 घंटे 7 दिवस पानी आपूर्ति के नाम पर वार्डों में बिना किसी प्लानिंग के रोड को काटकर जनता के साथ गंदा मज़ाक किया जा रहा है। शीघ्र काम पूर्ण होने का आश्वासन देकर वार्ड में गलियों में गड्ढे तो कर दिए गए, परंतु साइट में प्लंबर भी नहीं रखा गया है, जिसके कारण कई कई दिनों तक लोगों को पानी भी नहीं मिल पा रहा है। एक तरफ गलियाँ नरक में तब्दील हो गयी है। दूसरी तरफ़ भारी अव्यवस्था के कारण लोगों का आना-जाना दूभर हो गया है। पाईप टूटने से दूषित जल की आपूर्ति हो रही है तथा मच्छर व उसमें जीवाणु पनप रहें हैं जिनकी दुर्गन्ध से बीमारी फैलने का डर बना हुआ है, परन्तु निगम प्रशासन गहरी निंद्रा में लीन है। शहर की जनता त्रस्त है और निगम, ठेकेदार को लाभ पहुँचाने और अपना कमीशन साधने का कार्य कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ठेकेदार के पास भिन्न भिन्न साइज़ की पाइप भी नहीं है, कई गलियां को सर्वे में पाइपलाइन बिछाने के लिए एस्टिमेट में भी नहीं लिया गया है, जिसके कारण किसी भी वार्ड में पूरी तरह से कार्य संपादित नहीं हो सकता। आज से दस वर्ष पूर्व सर्वे हुआ था, जिसमें लगभग 25 हज़ार नल कलेक्शन देना सुनिश्चित किया गया था, परंतु आज की स्थिति में यह संख्या बहुत बढ़ गई है। ऐसे में नया सर्वे कराकर काम करना उचित होगा।
यथास्थिति में पाइप लाइन विस्तार को तत्काल रोकने की माँग करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि जितनी पाइपलाइन बिछाई गई है, शीघ्र ही वहां वॉटर टाइटेनिक टेस्ट हाइड्रो टेस्ट कराकर, कनेक्शन हेतु पाइप बिछाकर तुरंत रोड बनाए जावें एवं क्षतिग्रस्त नालियों, पुलियों एवं आम जनता को जो कुछ नुकसान हुआ है उसका भी मरम्मत शीघ्र किया जाये।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस के माध्यम से कहा है कि निगम बिना किसी प्लानिंग के कार्य कर रहा है, उसका उद्देश्य जनता के हित में कार्य करना नहीं बल्कि ठेकेदार के हित में कार्य करना हो गया है, जिससे कमीशन की राशि में बढ़ोतरी हो सके।