महासमुन्द

मानदेय व सामग्रियों की राशि का जल्द भुगतान कीजिए नहीं तो बच्चों को गर्म व पौष्टिक भोजन बंद कर देंगे
15-Jan-2022 6:48 PM
मानदेय व सामग्रियों की राशि का जल्द भुगतान कीजिए नहीं तो बच्चों को गर्म व पौष्टिक भोजन बंद कर देंगे

जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका कल्याण संघ ने सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,15 जनवरी।
आंगनबाडिय़ों में पैसों की कमी के कारण अगामी 20 जनवरी से बच्चों को गर्म व पौष्टिक भोजना मिलना बंद हो जाएगा। वहीं इसके चलते आदिवासी कमार जाति की महिलाओं पर इसका असर पड़ेगा। उन्हें अण्डा भी मिलना बंद हो जाएगा क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को मानदेय की राशि व पूर्व में राशन सामग्रियों की राशि नहीं मिली है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका कल्याण संघ की पदाधिकारियों ने मानदेय व सामग्रियों की राशि का जल्द भुगतान के लिए परियोजना अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी भी दे दी है कि यदि 20 जनवरी तक मांगे पूरी नहीं हुई तो गर्म भोजन का वितरण बंद कर देंगे।

जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका कल्याण संघ के बागबाहरा ब्लॉक के अध्यक्ष सरोज चंद्राकर, चंद्रिका यादव, रवीना साहू, रेखा, रामेश्वरी साहू, चम्पी साहू, राजकुमारी दीवान ने बागबाहरा महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को 10 बिंदुओं की मांग पत्र सौंपे है। कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने कहा है कि नवंबर व दिसंबर 2021 के मानदेय का अबतक भुगतान नहीं होने से सभी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि केन्द्रों में बच्चों को पौष्टिक गर्म भोजन दिया जा रहा है। जुलाई 2021 से उस राशि का भुगतान भी नहीं हुआ है। जबकि विभाग को हर माह समय पर रिपोर्ट भेजा जाता रहा है। समूह की महिलाएं भी गर्म भोजन योजना चलाने से तथा राशन सामग्री देने हाथ खड़ी कर चुकी हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो स्वयं के व्यय से इसे चला रहीं हैं। यहीं स्थिति बनी रही तो 20 जनवरी से सभी केन्द्रों में गर्म भोजन देना बंद कर दिया जाएगा।

कार्यकर्ताओं ने मांग पत्र में बताया है कि पिछले लाकडाउन के दौरान घर-घर जा कर सूखा राशन वितरण किया गया था। जिसका 60 प्रतिशत राशि का भुगतान किया गया। शेष 40 प्रतिशत राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया। इसके अलावा वर्ष 2019 में कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती महिलाएं और कुपोषित बच्चों को फल्ली लड्डू वितरण किया गया। 5-6 बार बिल विभाग में जमा किया गया, फिर भी भुगतान अटकी हुई है। मोबाइल रिचार्ज का भुगतान एवं वर्ष 2018 में 50 दिनों का हड़ताल अवधि का भुगतान करने की मांग की गई है।
 

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