महासमुन्द
अब दान पेटियों से निकल रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,15 जनवरी। शहर सहित जिले में पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्र के बाजार में 10 रुपये के सिक्कों का प्रचलन बंद है। जबकि यह सिक्का वैध है और सरकार की ओर से प्रचलित है। प्रशासन और बैंक प्रबंधन ने सिक्कों से लेन-देन करने निर्देश जारी किया और नहीं लेने वालों के खिलाफ शिकायत भी करने कहा है। इसके बाद भी सिक्का प्रचलन में ही नहीं आया है। खास बात यह है कि इस बीच प्रशासन के पास सिक्के नहीं लेने की एक भी शिकायत नहीं पहुंची। यही कारण है कि आज भी 10 के सिक्के उपयोग विहीन रखे हुए हैं।
लीड बैंक अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि सिक्के वैधानिक है। यह लोगों की सुविधा के लिए आरबीआई ने जारी किया है। बैंक भी सिक्के लेने से इंकार नहीं कर सकते हैं। आरबीआई से बैंक के लिए एक दिन में एक व्यक्ति से एक हजार रुपये तक के सिक्के लेने के निर्देश हैं। रही बात बैंक द्वारा नहीं लेने की तो नोटों की आउंटिंग मशीन है सिक्कों की नहीं। इसलिए भी सिक्के के लेन.देन में बैंकों को दिक्कत होती है। व्यापारियों का कहना है कि 10 को छोड़ अन्य सिक्के की जगह ग्राहक सामान लेना उचित मानते हैं। सिक्के लेकर चलाने में दिक्कत होती है जबकि नोट आसानी लेकर चला जा सकता है। शहर के छोटे-बड़े व्यापारियों का कहना है कि बाजार में अब 10 रुपये के सिक्के ही दिखाई नहीं देते। सिक्के बाजार में नहीं चल रहे है इसलिए लोग धार्मिक स्थलों के दान पेटियों, किसी सामाजिक संस्थाओं की दान पेटियों में बाजार के अघोषित रूप से न चलने वाले सिक्के डाल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 10 के सिक्के मंदिर की दान पेटियों से खूब निकलते है। मंदिर .मस्जिद ट्रस्ट वाले इसे बैंकों में जमा करवाते है। उनका भी कहना है कि बैंकों में बार.बार जानकारी देने के बाद बड़ी मुश्किल से यह सिक्के जमा होते हंै।