बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 16 जनवरी। बलौदाबाजार जिले के तहसील के रिसदा, अर्जुनी, सोनपुरी, खोरसी नाला, अचानकपुर, खैंदा, डमरू, कसियारा, कोकड़ी में इन दिनों अवैध ईंट भ_ों की बाढ़ आने लगी है। कुम्हार जाति को मिले छूट का लाभ रसूखदार लोग उठा रहे हैं और लाल ईंट का अवैध निर्माण कर मोटी कमाई करने में जुटे हैं।
शासन-प्रशासन द्वारा आए दिन खनिज विभाग को अवैध रूप से संचालित होने वाले ईंट भ_ों पर कार्रवाई करने का दिशा-निर्देश दिया जाता है। खोरसी नाला, रिसदा ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों ईंट भ_े का कारोबार बगैर विभागीय अनुमति व रायल्टी जमा किए धड़ल्ले से चल रहा है। इससे खनिज विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। तहसील क्षेत्र के रिसदा, कोकड़ी, सोनपुरी, ताराशिव, कसियारा, डमरू, अर्जुनी क्षेत्र सहित कई ऐसे ईंट भ_ों पर न तो प्रशासनिक लगाम लग पा रहा है और न ही किसी तरह रायल्टी वसूली हो पा रही है।
तहसील क्षेत्र के अधिकतर गांवों में अवैध ईंट भ_ों का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। शासन-प्रशासन के नियम कायदे को ईंट भ_े के संचालकों ने ताक पर रख दिया है। इसके चलते वे न तो विभाग से किसी तरह अनुमति लेना जरूरी समझते न ही रायल्टी की राशि जमा करते हैं। गांव-गांव में लोग ईंट बना रहे हैं, मगर खनिज विभाग की अनदेखी से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ईंट भ_ा के लिए पहले खनिज विभाग व पर्यावरण से इसकी मंजूरी लेना पड़ता है लेकिन इस क्षेत्र के रसूखदारों द्वारा बिना स्वीकृति लिए ही ईंट भ_े का संचालन किया जा रहा है।
कार्रवाई नहीं होने से बढ़ रही संख्या
अवैध ईंट भ_ा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के अभाव में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इससे पर्यावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। ये लोग बड़े पैमाने पर ईंट का निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन के खनन करने में लगे हुए हैं।