सुकमा
छिंदगढ़ (सुकमा जिला), 16 जनवरी। भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि प्रदेश के युवा सडक़ों पर उतरकर रोजग़ार मांग रहे हैं, शिक्षक भर्ती से लेकर सब इंस्पेक्टर तक कई भर्तियां रुकी हुई हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार अपनी पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है।
आगे कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आलम यह है कि कोरबा जिले के रामपुर चौकी क्षेत्र के पौड़ीबहार में 28 वर्षीय राम कुमारी पटेल ने एमए तक पढ़ाई की थी। पढ़ाई के बाद से वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। साथ ही नौकरी भी ढूंढ रही थी, मगर उसकी नौकरी कहीं नहीं लगी थी। उसने कई जगह अप्लाई भी किया था। पढ़ाई करने के बाद नौकरी नहीं मिल रही थी, इसी वजह से वह परेशान थी। आखिरकार उसने बेरोजगारी से तंग आकर 12 जनवरी को आत्मघाती कदम उठा लिया और फांसी के फंदे पर झूल गई। रामकुमारी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने लिखा है कि पढ़ाई-लिखाई के बाद भी उसे कोई काम नहीं मिला, इसलिए अब वह जीना ही नहीं चाहती।
यह है छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी के हालात। उसके परिवार के साथ न्याय करने के बजाय कांग्रेस की सरकार अपने आंकड़ेबाजी में व्यस्त है। रामकुमारी के परिजनों को कांग्रेस सरकार को 50 लाख रु मुआवजा देना चाहिए, उन्हें बेरोजगार युवाओं की चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग यह बताएं कि उनकी सरकार ने कितने पदों पर कौन से विभाग में भर्तियां की है, किन विभागों के किस पद पर कितनी संख्या में नवीन पदों का सृजन किया है और उन पर भर्तियां हुई हंै। जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, इतने बड़े पैमाने पर कौन से विभाग में भर्ती हुई है। सरकार भर्तीवार पद व कार्यालयों का नाम सार्वजनिक करें, ताकि छत्तीसगढ़ का प्रत्येक युवा इस सच्चाई से अवगत हो सके।
छत्तीसगढ़ राज्य के युवा आज भी कांग्रेस सरकार के द्वारा घोषित 25 सौ रुपए बेरोजगारी भत्ता मिलने की आस लगाए बैठे हैं, जिसे वो नहीं दे पा रही हंै और 5 लाख भर्तियां करने का दावा कर रही है।