राजनांदगांव

खैरागढ़ चुनाव को लेकर हलचल तेज, दावेदार सक्रिय
17-Jan-2022 1:21 PM
खैरागढ़ चुनाव को लेकर हलचल तेज, दावेदार सक्रिय

कांग्रेस-भाजपा नेता तैयारी में जुटे   

          
विनोद नामदेव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 17 जनवरी।
खैरागढ़ के विधायक देवव्रत सिंह के निधन से खाली हुए सीट पर जल्द ही केंद्रीय चुनाव आयोग उप चुनाव की तारीख का ऐलान कर सकता है। चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

बताया गया कि उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में हलचल है, और दावेदार टिकट के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। यहां खास बात यह है कि भाजपा से गिनती के ही नाम सामने आ रहे हैं, परंतु कांग्रेस में आधा दर्जन से ज्यादा नाम पर चर्चा हो रही है। दोनों ही पार्टी उक्त सीट पर जीत का डंका बजाने का मंसूबा पाले हुए हैं।  चुनाव में साफ छवि और दूरदर्शी सोंच तथा आम जनता के बीच से जुड़े व्यक्ति को ही टिकट दिए जाने की संभावना दिख रही है।

संभावित नामों में इनका नाम

विक्रांत सिंह
भाजपा से विक्रांत सिंह के नाम की चर्चा है। वह एक सफल नेता के रूप में आमजनों के बीच एक चर्चित चेहरे हैं। प्रत्यक्ष चुनाव लडकऱ अपनी काबिलियत साबित करना विक्रांत की खासियत रही है। वह खैरागढ़ नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रहने के अलावा जनपद और जिला पंचायत चुनाव में शानदार तरीके से विजयी हुए हैं। वह हर तबके को यथासंभव मदद करने के लिए आगे रहे हैं।

कोमल जंघेल
उपचुनाव के लिए पूर्व संसदीय सचिव कोमल जंघेल  का भी नाम सुर्खियों में है। कोमल खैरागढ़ विधानसभा से दो बार निर्वाचित हुए हैं। दिलचस्प पहलू यह है कि कोमल 2007 के उपचुनाव से ही विधायक के रूप में खाता खोला था। 2013 और 2018 के विधानसभा में कोमल को लगातार हार का सामना करना पड़ा। हालांकि उनकी लोकप्रियता में कोई गिरावट नहीं है। वह एक सक्रिय राजनेता के तौर पर जाने जाते हैं।

खम्हन ताम्रकार
भाजपा से खम्हन का भी नाम राजनीतिक गलियारे में लिया जा रहा है। खम्हन का पूरा कुनबा भाजपा से जुड़ा हुआ है। खम्हन छुईखदान जनपद के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वह भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री भी हैं। खम्हन आम लोगों से मेलजोल बनाए हुए हैं। आम लोगों की छोटी-बड़ी समस्या को दूर करने के लिए वह सक्रिय हैं।

लुकेश्वरी जंघेल
महिला उम्मीदवारों में भाजपा की लुकेश्वरी जंघेल  भी उपचुनाव की टिकट के लिए जोर लगा रही है। वह पार्टी एवं गैर पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़-चढकऱ भाग ले रही है। वह जनपद सदस्य भी रह चुकी है। साथ ही भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग जिला महिला मोर्चा उपाध्यक्ष, जिला कार्यकारिणी में आमंत्रित सदस्य व अन्य पदों पर कार्य कर चुकी है। वह और उनका परिवार सामाजिक स्तर पर अपनी अच्छी पकड़ रखता है।

गिरवर जंघेल
कांग्रेस से पूर्व विधायक गिरवर जंघेल भी प्रबल दावेदारों में गिने जा रहे हैं। वह 2013 में खैरागढ़ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने भाजपा के कोमल जंघेल को शिकस्त दी थी। हालांकि 2018 के विधानसभा में जनता ने उन्हें नकार दिया। पिछली हार को भुलाकर वह उपचुनाव में दोबारा किस्मत आजमना चाहते हैं। वह भी हर कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। गिरवर एक सहज-सरल व्यक्तित्व के रूप में भी जाने जाते हैं।

ममता राजेश पाल
जिला पंचायत सदस्य ममता राजेश पाल उपचुनाव लडऩे की इच्छुक हैं। वह क्षेत्र क्रमांक एक से जिला पंचायत सदस्य के रूप में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है। पिछले कुछ सालों में उन्होंने राजनीति से अपनी अच्छी पहचान बनाई है। धीरे-धीरे आम जनता के साथ-साथ शीर्ष नेताओं के जुबां पर भी उनका नाम लिया जा रहा है। उनका भाषण और राजनीतिक शैली एक सकारात्मक पहचान बनाने में मददगार साबित हुई है। वह 10 हजार से अधिक मतों से जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई है।

कामदेव जंघेल
टिकट के दावेदारों में कामदेव जंघेल का भी नाम लिया जा रहा है। वह पूर्व विधायक गिरवर जंघेल के परिवार से संबंध रखते हैं और वह क्षेत्र में नए नेता के रूप में उभरे हैं। वर्तमान में वह छुईखदान ब्लॉक के किसान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी हैं।

लाल टारकेश्वर शाह खुशरो
गंडई के जमींदार परिवार के प्रतिष्ठित सदस्य लाल टारकेश्वर शाह खुशरो भी उपचुनाव में टिकट मिलने पर मैदान में उतरने की इच्छा रखते हैं। वह कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ में वह लगातार दो बार प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं एवं जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी हैं।

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