बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 जनवरी। बलौदाबाजार मौसम साफ होने के आसार के बीच यूरिया की महंगाई बढ़ गई। वहीं सहकारी समितियों में यूरिया नहीं मिल रहा है। किसानों को कहना है कि सरसों एवं गेहूं, धान फसल में यूरिया खाद डालने के लिए अभी सबसे उपयुक्त समय है, परंतु क्षेत्र की सहकारी समितियों एवं निजी दुकानों में यूरिया खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान भटक रहे है।
किसानों ने आरोप लगाया है कि यदि एकाध निजी दुकानों में खाद उपलब्ध भी तो अत्याधिक दामों पर बेच रहे है।
खुले बाजार और मार्कफेड के लिए वितरण का अनुपात देखने के बाद मांग और बिक्री को लेकर जैसी स्थिति बन रही है इसके बाद अब सहकारी समितियों के माध्यम से विक्रेता की योजना बनाई जा रही है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा समितियों की अनुमति का नहीं मिलना बन रही है। इसलिए दूसरे विकल्प की तलाश की जा रही है।
म्मेदार हैं मौन
रबी की मांग और घरों की तैयारियों के बीच कंपनियों ने यूरिया की सप्लाई की है, उनका 80 फीसदी हिस्सा मार्कफेड को दिया गया है। शेष 20 फीसदी खुले बाजार के लिए जारी हुआ है, जबकि मांग इस बीच 20 फीसदी से कहीं ज्यादा है, इस गलत अनुपात में वितरण के लिए जिम्मेदार कौन है, इसका सवाल के जवाब में चुप्पी साध ली गई है।
उपलब्धता के लिए जा रहे प्रयास
उप संचालक कृषि एसआर पैकरा का कहना है कि यूरिया की किल्लत पर पूरी नजर है, समस्या के हल के लिए सहकारी समितियों की मदद से इसकी उपलब्धता के लिए प्रयास किया जा रहे हैं।