रायपुर

कोरोना का असर : नहीं मिल रही सवारियां, हर रूट पर आधी बसें, डीजल का खर्च भी नहीं निकल रहा
17-Jan-2022 6:00 PM
कोरोना का असर : नहीं मिल रही सवारियां, हर रूट पर आधी बसें, डीजल का खर्च भी नहीं निकल रहा

हर रूट पर 50 फीसदी बसें, जो चल रहीं उनकी आधी सीट भी नहीं भर रहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 17 जनवरी। कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर बस सर्विस की कमर तोड़ दी है। हर महीने करोड़ों का बिजनेस करने वाले इस सेक्टर और इससे जुड़े सैकड़ों परिवारों के सामने एक बार फिर बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। राजधानी में छोटी-बड़ी तीन हजार से ज्यादा बसें हैं। दस हजार से ज्यादा लोग रोज बसों में सफर करते हैं। इनमें राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों तक चलने वाली बसें शामिल हैं। करीब छह हजार परिवार सीधे तौर पर बस सेवा से जुड़े हुए हैं। इनमें ट्रांसपोर्टर, ड्राइवर कंडक्टर इत्यादि शामिल हैं। अधिकांश रूटों पर 50 फीसदी बसों का ही संचालन हो रहा है।

मुनाफा नहीं, नुकसान

महासमुंद रायपुर मार्ग मिनी बस यूनियन अध्यक्ष धीरज सरफाज ने कहा कि दूसरे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा था, लेकिन एक बार फिर से कारोबार चौपट हो रहा है। इस दौरान आमदनी तो शून्य है, लेकिन खर्च कम नहीं है। बस यदि महीनेभर तक नहीं चलीं तो उस पर लंबा-चौड़ा खर्च बैठ जाता है। इसलिए मेंटनेंस जरूरी होता है। इस पर हजारों रुपए खर्च होते हैं। मेंटनेंस न कराया जाए तो 15 से 25, 30 लाख और उससे भी महंगी कीमत की बसों को कबाड़ होने में समय नहीं लगता। टैक्स इत्यादि भरना भी जरूरी होता है। छोटे-बड़े सभी बस ऑपरेटरों की स्थिति खराब है। जिनकी एक-दो बसें हैं, उन्हें भी नुकसान और 50-100 बसों वालों को भी नुकसान है।

डीजल का खर्च तक नहीं निकल पाया

बस आपरेटर कोमल साहू, धीरज सिन्हा, केजू निषाद ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद प्रशासन की अनुमति मिलने पर ऑपरेटरों ने बस चला रहे थे, लेकिन एक बार फिर कोरोना को देखते हुए पैसेंजर नहीं मिलने के कारण ऑपरेटरों को बस चलाना फिर से रोकना पड़ा। कारण यह है कि 35 से 40 सीटर बस में एक-दो यात्री ही मिल रहे हंै। इससे ऑपरेटरों को ड्राइवर, कंडक्टर का खर्च ही नहीं निकल रहा था। डीजल और मेंटनेंस पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है।

महासमुंद से हर दो मिनट में बस लेकिन अब नहीं मिल रहे

कोरोना संक्रमण के दौर में यात्री परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हवाई यात्रा के साथ ही रेल और बस सेवा का फायदा लेने में भी अब लोग कतरा रहे हैं।  वहीं बसों की संख्या भी काफी कम हो गई है। महासमुंद से रायपुर पहले जहां हर दो से 5 मिनट में चलती थीं, लेकिन अभी आधा से ज्यादा बसों का संचालन नहीं हो रहा है। बताया जाता है कि कोरोना के इस तीसरे चरण के संक्रमण में लोगों ने अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट से परहेज करना शुरू कर दिया है। इस कारण काफी कम बसों का संचालन हो रहा है।

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है

बस बुक करने वाले एजेंटों ने बताया कि संक्रमण के लिहाज से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है। बसों में बगैर मास्क के यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अभी अलग से कुछ नहीं करना पड़ रहा है। बस में यात्री इतने कम हैं। 40 सीटर बसों में 10 से भी कम यात्री मिल रहे हैं। इससे बस चलाने का खर्च भी नहीं निकल पा रहा।

कम से कम 25 यात्री, तभी चलेगी बस

महासमुंद से रायपुर, राजिम, दुर्ग जाने वाली बसों की संख्या काफी कम हो चुकी है। बस संचालकों ने बताया कि यात्रियों की संख्या में कमी के चलते जब तक कम से कम 25 यात्री होने पर ही बस रवाना की जाती है।

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