रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जनवरी। एसटी-एससी, और पिछड़ा वर्ग के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने सालों पहले बांटे गए अंत्यावसायी ऋ ण की वसूली में सरकारी समिति को ही पसीना छूट गया है। रायपुर जिले में चार करोड़ से ज्यादा की वसूली बाकी है। और अब नए आवेदनों पर ऋण की मंजूरी मुश्किल से मिल पा रही है। बांटे गए ऋण की वसूली के लिए इस तरह से संकट है कि अब विभाग के अधिकारी सालों पहले गारंटी के तौर पर लिए गए चेक से परेशान हैं। दरअसल ऋण लेने वालों ने जो गारंटी चेक दिए हैं वह कई ऐसे हैं जो 8 से 10 साल पूरी कर चुके हैं। इतने लंबे समय तक गारंटी चेक जमा रखे जाने के बाद विभाग दूसरी तरफ से ऋण वसूल नहीं पाया है और अब कर्जदार भी गायब हो चुके हैं। विभाग के पास जो चेक पड़े हुए हैं वह किसी काम के नहीं रह गए हैं इस वजह से चेक को बाउंस करा कर बैंक तक केस ले जाने में भी संकट बढ़ गया है। जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति ने 2003 से लेकर 2019- 20 तक मे लोन बांटे। यह कर्ज माल वाहकों, कृषि यंत्र ट्रैक्टर वाहन खरीदी के लिए दिया गया। कुल डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों ने कर्ज लिया था। लेकिन सरकारी ऋण का भुगतान करने किसी की दिलचस्पी नहीं रह गई है। कई बार नोटिस देने के बाद अब जब डिफाल्टरों की सूची तैयार की गई है तो उन पर केस बनाने में मुसीबत सामने आ रही है।
अंत्यावसाई समिति से जिन्होंने ऋ ण लिया है और किस्तों का भुगतान नहीं कर रहे हैं उनसे रिकवरी के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अधिकारियों की बैठक भी ली है।
सौरभ कुमार, कलेक्टर रायपुर