रायपुर
कैबिनेट के लिए बन रहा प्रस्ताव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जनवरी। सरकार प्राध्यापक, और प्राचार्यों के पद पर पदोन्नति के लिए नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। ताकि कॉलेजों में प्राचार्यों के खाली पदों की पूर्ति की जा सके।
बताया गया कि प्रदेश के 277 कॉलेजों में से 211 डिग्री प्रिंसिपल के पद खाली हैं। तीन साल पहले भर्ती नियम में संशोधन हुआ था। नियमों में यह साफ है कि 10 हजार ग्रेड पे के प्राध्यापक ही डिग्री प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के पात्र होंगे। जबकि प्राध्यापक का ग्रेड पे 9 हजार का है, और एक भी प्राध्यापक, प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र नहीं रह गए हैं।
इसी तरह प्राध्यापक के पद को सीधी भर्ती से भरने का भी प्रावधान कर दिया गया था। इससे 20 साल से सहायक प्राध्यापकों के पद पर कार्यरत की पदोन्नति का रास्ता बंद हो गया है। सहायक प्राध्यापकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने उच्च शिक्षा मंत्री, और राज्यपाल तक अपनी बात पहुंचाई है, और विसंगतियों को सामने रखा था। मगर इस दिशा में आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
उच्च शिक्षा आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि प्राचार्यों के पद पर पदोन्नति देने के लिए नियमों में संशोधन सहित कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस पर जल्द कोई फैसला होने की उम्मीद है।
दूसरी तरफ, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने प्राचार्यों, और प्राध्यापकों के पद पर पदोन्नति की राह में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए पहल की है। विभागीय स्तर पर इसको लेकर बैठकों का सिलसिला चल रहा है। नियमों में संशोधन के लिए जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है। बजट सत्र से पहले इस पर निर्णय होने की उम्मीद है।
प्राध्यापकों के 4 सौ पद खाली
प्रदेश में प्राध्यापकों के करीब 4 सौ पद खाली हैं। नए भर्ती नियम के अनुसार उक्त पदों को सीधी भर्ती से भरने के लिए पीएससी ने विज्ञापन भी जारी किए थे। मगर कुछ सहायक प्राध्यापक कोर्ट चले गए, और यह प्रक्रिया रूक गई। उच्च शिक्षा विभाग अब नए सिरे से पदोन्नति विसंगतियों को दूर करने के लिए कदम उठा रहा है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में भी प्राचार्यों, और प्राध्यापकों की पदोन्नति को लेकर मामला उठ चुका है।