राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बागढ़ चौकी, 18 जनवरी। लापरवाही इस कदर हो चली है कि अब जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसका पेंशन तक रोक दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत चिखली में सामने आया है। जहां ग्राम पंचायत सचिव ने 71 वर्षीय बुजुर्ग का वृद्धावस्था पेंशन यह कहकर रोक दी गई कि अब वह इस दुनिया में नहीं है। गांव के एक 71 वर्षीय जिंदा वृद्ध गैंदुराम साहू है उसे सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर वृद्धा अवस्था पेंशन सूची से नाम हटाते हुए पेंशन को ही रोक दिया है।
इसके बाद 8 महीने से वृद्ध गैंदुराम को पेंशन नहीं मिल रहा है। वृद्ध अपने पेंशन के लिए दर - दर ठोकरें खा रहा है। इस संदर्भ में वृद्ध गैंदुराम ने जनपद के संबंधित अधिकारी को अर्जी देकर पेंशन की सूची में पुन: नाम जोडक़र पेंशन चालू करने की गुहार लगायी थी जिसके बाद जनपद के संबंधित अधिकारी सचिव को बचाने फिर से नए तरीके से आवेदन ऑनलाइन कर नाम जोड़ दिया और सचिव से हितग्राही को तीन महीने का पेंशन नगद दिलवाकर मामला से हाँथ खिंच लिया है।
वृद्ध व्यक्ति ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में जिंदा रहते मुझे मरा हुआ दिखा दिया और पेंशन रोक दिया। वृद्ध गैंदुराम साहू को सरकारी स्तर से स्वीकृति मिलने के बाद 2014 से लगातार पेंशन मिल रहा है। हाल में 2021 के जून माह से पेंशन रोक दी गई। क्योंकि इन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत बता दिया गया। वृद्ध गैंदुराम का एक बेटा भी है जो मजदूरी कर अपना घर चलाता है। ऐसे में पेंशन इस परिवार का जीवनयापन करने का एक बहुत बड़ा साधन था।
वृद्ध की पत्नी ने बताया कि इस तरह से एक जिंदा आदमी को मरा हुआ बताया गया और उसका पेंशन रोक दिया गया जो काफी गलत है। उसने यह भी बताया कि पेंशन नहीं मिलने की वजह से वह अपना इलाज भी नहीं करा पा रहा। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इनका पेंशन चालू कराया जाए ताकि इनको किसी प्रकार के दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है की एक वृद्ध जिसको बुढ़ापे में पेंशन इसलिए दिया जाता है कि वह अपना भरण-पोषण ठीक तरीके से कर सके लेकिन जब लापरवाही करते हुए जिंदा को मरा हुआ बता दिया गया ऐसे में जिम्मेदारी तय करनी भी जरूरी है और दोषियों पर कार्रवाई करने की भी जरूरत है।
सचिव को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी की गई है आगे की कार्यवाही विधिवत की जाएगी।
भानुप्रताप चुरेन्द्र (सीईओ जनपद पंचायत अम्बागढ़ चौकी)