कोरिया

भितरघात की वजह से हारे भाजपा पार्षद प्रत्याशी?
18-Jan-2022 3:55 PM
भितरघात की वजह से हारे भाजपा पार्षद प्रत्याशी?

कॉल रिकार्डिंग प्रदेश नेतृत्व को भेजे गए

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया), 18 जनवरी। नगर पालिका परिषद शिवपुर चरचा के चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, यहां भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी बसंत राय की हराने उन्हीं के पार्टी के लोगों के द्वारा मतदाताओं के पास फोन आए, जिसकी रिकार्डिंग से लेकर तमाम सबूत भाजपा के प्रदेश संगठन तक भेजे जाने की जानकारी सामने आ रही है। कांग्रेस के अलावा भाजपा मेंं भी सेल्फ गोल की बात सामने आने पर अंदर ही अंदर काफी घमासान मचा हुआ है।

बीता नगर पालिका चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों को काफी कुछ दिखा गया है।  चुनाव पूर्व भाजपा को शिवपुर चरचा में काफी मजबूत माना जा रहा था, परन्तु जैसे ही चुनाव प्रारंभ हुआ, यहां वर्षों से एकाधिकार जमाए भाजपा नेताओं का खुलकर विरोध सामने आने लगा, वहीं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी बसंत राय की हार को लेकर भाजपा के नेताओं ने ही गजब का ताना बाना बुना, जिसकी पोल अब खुलने लगी है।

श्री राय की हार को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के मंथन किया जाता रहा, आखिर उनकी हार कैसे हुई? बताया जाता है कि शिवपुर चरचा नपा क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम बसंत राय वार्ड -10 से मैदान मेें भाजपा के टिकट पर उतरे। उन्हें 101 मत मिले, जबकि कांग्रेस के लाल मोहम्मद को 182, जबकि निर्दलीय राजन कुमार को 173 मत मिले। यहां मुकाबला त्रिकोणीय होकर खत्म हुआ। राजनीतिक के खेल में भाजपा प्रत्याशी बसंत राय पीछे रहे, लेकिन चुनाव में ऐसा क्या हुआ जो कि बसंत राय को हार का सामना करना पड़ा।

सूत्रों से खबर मिली कि चुनाव के वक्त जिस वार्ड से भाजपा प्रत्याशी बसंत राय चुनावी प्रत्याशी रहे, उस वार्ड में लोगों के बीच इस तरह का फोन आता रहा कि इस बार बसंत राय को वोट नहीं देना है, उन्हें हराना है। आखिर चुनाव के वक्त इस तरह का कैंपेन किसके इशारे पर चलाया गया। जबकि बसंत राय की व्यक्तिगत छवि भी किसी से छिपी नहीं है। मिलनसार व्यक्तिव धनी बसंत राय द्वारा ऐसा क्या किया गया था कि लोगों के बीच इस तरह के फोन होते रहे कि इस बार उन्हें किसी भी कीमत में हराना है और विरोधी इस मंसूबे में कामयाब भी हो गये। बसंत राय चुनाव हार गये जिससे पार्टी की उम्मीद भी धरी की धरी रह गयी। जबकि पार्टी पदाधिकारियों को यह विश्वास था कि इस बार भे वे चुनाव जीत जाएंगे।

उसी तरह के फोन

भाजपा में यदि कोई आगे निकलता दिखता है तो उसे हर हाल में पीछे करने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है। एक पदाधिकारी के जन्मदिन पर युवाओं को जन्मदिन में न जाने को लेकर ऐसे ही फोन किए गए, बावजूद ऐसे कॉल को दरकिनार कर काफी संख्या में युवा जन्मदिन मनाने पहुंचें, वैसा ही प्लान बसंत राय को हराने के लिए किया गया, यहां पर बसंत राय को हराने का प्लान सफल हो गया, क्योंकि यदि बसंत राय जीत जाते तो अध्यक्ष पद क प्रमुख दावेदार होते, यही कारण है कि उनके वार्ड में सैकड़ों लोगों को कॉल कर उनके खिलाफ मत देने की बात कही गई, कुछ लोगों ने कॉल रिकार्ड कर लिया, जिसके बाद ऐसे कॉल रिकार्ड की और नामों की सूची प्रदेश संगठन को भेजी गई है, ताकि भाजपा में ऐसे लोगों की जानकारी प्रदेश के आला नेताओं को हो सकें।

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