रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जनवरी। निलंबित एडीजी जीपी सिंह की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद एसीबी ने मंगलवार को विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल के समक्ष पेश किया। जहां उन्हें मंगलवार को 14 दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस दौरान जीपी सिंह की तरफ से जमानत याचिका पेश किया गया जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
जीपी सिंह पहले आईपीएस अफसर हैं, जो किसी अपराधिक प्रकरण में जेल गए हैं। इसके पहले जब जीपी सिंह को लेकर एसीबी का काफिला रायपुर पहुंचा यहां पर मामला देखने लायक था। कोर्ट के चारों तरफ लोगों की भीड़ जमा हो गई जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर लोगों को हटाना पड़ा। पिछली मर्तबा मीडिया कर्मियों से रूबरू होने का मौका मिला तब जीपी सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
पुलिस उन्हें मीडिया से दूर रखने पूरी तरह मुस्तैद रही। कोर्ट में जहां लिफ्ट है वहां रस्सी बांधकर आम लोगों की एंट्री बंद कर दी । कोर्ट परिसर में सैकड़ों जवानों की तैनाती भी चर्चा का विषय रही।
ब्लड प्रेशर बढऩे की शिकायत की जीपी के वकीलों ने
जीपी सिंह ने बनियान के ऊपर जैकेट पहने हुए थे । इधर, जीपी के वकील ने कोर्ट में कहा कि कस्टडी में ब्लड प्रेशर बढ़ गया है। हार्ट में भी दिक्कत है। सोमवार को ही वकीलों ने दवाई भेजी थी। दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चलने की जानकारी दी। वकीलों ने जीपी सिंह को जेल भेजने पर जान को खतरा होने की आशंका भी जताई है। वकीलों ने तर्क दिया कि जब वे दुर्ग और रायपुर आईजी थे, तब कई कुख्यात बदमाशों को जेल भेजा था। सारे बदमाश जेल में बंद हैं।