बीजापुर
कभी गधों पर लादकर लाते थे, अब गाडिय़ों का सहारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 18 जनवरी। देश में इन दिनों कोरोना ने हाहाकार मचाया हुआ है। कोरोना के फैलाव से लोग जहां चिंतित व परेशान हैं, वहीं लोगों के कारोबार पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। जबकि गरीब तबके के लोग पेट की आग बुझाने दो जून की रोटी की तलाश में जद्दोजहद करते हुए कोरोना पर भी भारी पड़ रहे हंै।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से लगे पड़ोसी राज्य तेलंगाना के मंचिरियाल का एक परिवार यहां करीब एक दशक से सील पत्थर का कारोबार कर रोजी रोटी कमाने आ रहा है। मुख्य मार्ग के किनारे खुले आसमान के नीचे रहकर ये परिवार सील पत्थर बेचकर अपना भरण पोषण करता है। ये परिवार पहले यहां गधों में लादकर सील पत्थर लाता था। जिसमें समय ज्यादा लगता था, लेकिन अब ये गाडिय़ों से सील पत्थर ला रहे हंै।
देश में इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में ये परिवार दो जून की रोटी की खातिर यहां पहुंचा है, लेकिन प्रशासन उन्हें कोरोना का हवाला देकर यहां से जाने को कह रहा है। अब प्रशासन के इस फरमान से उनके रोजी रोटी पर संकट छा गया है।
मंचिरियाल से यहां सील पत्थर बेचने आये एम.विजय कुमार ने बताया कि उनका परिवार कारोबार के लिए सोमवार की सुबह ही यहां आया है, लेकिन प्रशासन ने कोरोना का हवाला देते हुए उन्हें वापस जाने को कहा है। उसने बताया कि वे और उसके परिवार के सदस्यों का तिमेड़ में कोरोना टेस्ट किया गया है, जिसमें उन सबकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं वे सब वैक्सिनेटेड भी है। बावजूद उन्हें कारोबार के लिए मना किया जा रहा है।
इस बारे में बीजापुर के एसडीएम देवेश ध्रुव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि व्यापारिक दृष्टिकोण से अभी कोई भी आदेश जिला प्रशासन ने नहीं निकाला गया है। मैं इस संबंध में पता करके ही कुछ बता पाऊंगा।