राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 जनवरी। एक नाबालिग बालिका को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले 80 साल के दुराचारी को पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने दोषी पाते उसे अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष जनवरी 2021 में 80 वर्षीय वृद्ध मुकुंदराव सरजारे ने 11 वर्षीय नाबालिग को उस समय अपने घर बुलाया, जब उसके माता-पिता घर पर नहीं थे। बालिका को उसने घर बुलाकर कमरे में ले गया और दरवाजा बंद कर उसके साथ बलात्कार किया। घटना के बारे में किसी को बताने पर उसने बालिका को जान से मारने की धमकी भी दी।
घटना की रिपोर्ट बालिका के पिता द्वारा 19 मार्च 2021 को थाना चिल्हाटी में लिखाई गई। रिपोर्ट के आधार पर थाना चिल्हाटी के प्रभारी उप निरीक्षक दिनेश कुमार यादव ने दुराचारी वृद्ध को त्वरित गिरफ्तार कर 5 दिन के भीतर विशेष न्यायालय के समक्ष भारतीय दंड विधान की धारा 342, 376, (क-ख), 506 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), 2012 की धारा 4 व 6 के तहत चालान पेश किया गया। विशेष न्यायालय द्वारा वैश्विक महामारी कोरोनाकाल के चलते नियमित न्यायालयीन कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद शीघ्रता से मामले की सुनवाई की गई और बलात्कारी वृद्ध को दोषी पाकर दंडित किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) राजनांदगांव के न्यायाधीश शैलेष शर्मा द्वारा विचारण उपरांत मामले में 17 जनवरी 2022 को निर्णय घोषित कर अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के आरोप में एक वर्ष के सश्रम कारावास, भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग-2 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के आरोप में आजीवन कारावास, जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा एवं 2000 रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया गया। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक परवेज अख्तर ने पैरवी की।