बालोद

शिक्षा का प्रारंभिक और अंतिम उद्देश्य अच्छा चरित्र, अच्छे संस्कार होने चाहिए
19-Jan-2022 2:35 PM
शिक्षा का प्रारंभिक और अंतिम उद्देश्य अच्छा चरित्र, अच्छे संस्कार होने चाहिए

शाकंभरी जयंती मनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 19 जनवरी।
पौष माह के पुर्णिमा और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा के पवित्र दिन मरार पटेल समाज की आराध्य देवी माता शाकंभरी की जयंती मनाई जाती है, जिसके अनुसार इस वर्ष भी 17 जनवरी को दल्लीराजहरा के सामाजिक भवन में मनाया गया। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए समाज के द्वारा सीमित सदस्यों की उपस्थिति में जयंती मनाई गई।  

इस अवसर पर माता शाकंभरी की आरती, पूजा अर्चना की गई और साथ ही समाज, क्षेत्र, राज्य और राष्ट्र के अच्छे स्वास्थ्य और सुख समृद्धि की कामना की गई। डौंडी तहसील के अध्यक्ष ईश्वर पटेल द्वारा इस अवसर पर समाज को संबोधित करते हुए कहा गया कि किसी भी शिक्षा का प्रारंभिक और अंतिम उद्देश्य अच्छा चरित्र और अच्छे संस्कार होने चाहिए। उच्च शिक्षित होते हुए भी यदि किसी विद्यार्थी को अच्छे संस्कार नहीं मिले तो वह उस उच्च शिक्षा का प्रयोग गलत समाज विरोधी कार्यों में भी कर सकता है। सचिव कोमल पटेल ने कहा कि हमें अपने बच्चों को हमारी प्राचीन संस्कृति, परंपरा से जोडे रखना चाहिए।  

आज के प्रतिस्पर्धी, टीवी मोबाइल के युग में जब शासन के द्वारा विद्यार्थियों के शिक्षा पद्धति, सीलेबस में नैतिक शिक्षा को लगभग समाप्त कर दिया गया है।
ऐसे में हमें आज के बच्चों को पूर्व में हुए महापुरुषों की जीवनी से प्रेरित करना और अच्छे संस्कार के बीज डालना बहुत आवश्यक है। इस अवसर पर प्रीतम पटेल, मन्ना पटेल, सीआर सार्वा, सुदर्शन पटेल, उमेश पटेल, विकास पटेल, दीनदयाल पटेल और डौंडी तहसील के मुख्य पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
 

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