कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 19 जनवरी। कोरिया जिले के स्कूलों मे छोटे छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम की ढेरों शिकायत है, वहीं कई शिक्षक भी लगातार कोरोना पॉजिटिव आते जा रहे है, कई बच्चे भी इसकी चपेट में आ चुके है, परन्तु अभी तक स्कूलों के बंद करने को लेकर प्रशासनिक पहल नहीं हुई, दूसरी ओर बच्चों के अभिभावक डरे हुए है, उनका कहना है कि जिला प्रशासन कम से कम 26 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टी कर राहत प्रदान करें।
अखिल भारतीय मानव अधिकार समिति के जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अभिभावक डरे हुए है। पड़ोस के जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इस भीषण आपदा में पता नहीं क्यों कोरिया जिला प्रशासन किस का इंतजार कर रहा है। यहां के स्कूलों को भी तत्काल बंद करना चाहिए।
जानकारी बीते मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक कर्मी द्वारा जिले में कोरोना संक्रमण के बढते प्रभाव के कारण तत्काल विद्यालयों का संचालन बंद करने संबंधी मैसेज विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों के मोबाईल में मैसेज वायरल हुआ। बात जिले भर में में दौड गई। इसके बाद तत्काल ही आनन फानन में जिले के विभिन्न विकासखंडों अंतर्गत संचालित विद्यालयों को बंद कर दिया गया। जबकि यह मौखिक रूप से इस तरह का आदेश वायरल किया गया, जिसमें यह संभावना जताई जा रही थी कि जल्द ही इस दिशा में कलेक्टर आदेश जारी कर सकते है। जबकि मैसेज वायरल होने के बाद जिले के विद्यालयों के पट बंद हो गये तब शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत मे आये और यह निर्देश जारी किये कि फिलहाल अभी स्कूल बंद नही होगे, लेकिन तब तक सभी विद्यालयों में ताला लटक चुका था और विद्यार्थियों को अवकाश की जानकादी दे दी गयी थी, जिसके बाद विद्यार्थी भी अपने अपने घर चले गये थे। जबकि अपरान्ह तक अवकाश के संबंध में शिक्षा कार्यालय से लिखित आदेश जारी नही किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि फिलहाल स्कूल बंद करने का निर्णय नहीं लिया गया है। आने वाले दिनों में कोंरोना संक्रमण दल चार प्रतिशत से अधिक रहती है तो इस पर विद्यालय बंद करने की दिशा में विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आगामी किसी आदेश के जारी होने तक विद्यालय नियमित रूप से संचालित होंगे।
दूसरे दिन विद्यालयों में कम उपस्थिति
कोरिया जिले में कन्फ्यूजन में जारी आदेश के बाद विद्यालयों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने की सूचना विद्यार्थियों को 18 जनवरी को दे दी गयी थी, लेकिन स्थिति स्पष्ट होने के बाद कि विद्यालय नियमित संचालित होंगे। दूसरे दिन जब 19 जनवरी को विद्यालय खुले तो विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नगण्य रही कई विद्यालयों मेें तो एक भी बच्चे उपस्थित नहीं रहे सिर्फ शिक्षक अपनी उपस्थिति दी, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के कई विद्यालयें में कुछ शिक्षक घर घर बच्चों को बुलाने पहुॅचे जिसके बाद सीमित संख्या में कुछ ही बच्चे विद्यालय पहुॅचे। इस तरह इस दिन अनेक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नहीं रही सिर्फ शिक्षक ही उपस्थित रहे।