रायपुर

सायबर ठग फिर पड़ रहे भारी, ज्यादातर रिटायर्ड लोगों की खाते में सेंध, ई-वालेट बना बड़ा हथियार
19-Jan-2022 6:13 PM
सायबर ठग फिर पड़ रहे भारी, ज्यादातर रिटायर्ड लोगों की खाते में सेंध, ई-वालेट बना बड़ा हथियार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 19 जनवरी। प्रदेश में एक बार फिर से सायबर ठग भारी पडऩे लगे हैं। खासकर से रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े शहरों में ठगों ने बैंक में रखी पंूजी हड़पने बड़ा नेटवर्क जमा लिया है। रायपुर में ही अब हर दिन केस सामने आ रहे हैं। पंद्रह दिनों के भीतर ही दस से ज्यादा मामलों में पुलिस ने संज्ञान लेकर इसमें एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की है। एक नए केस में पुरानी बस्ती थाना में तकरीबन डेढ़ लाख रुपये की ठगी के मामले में सायबर टीम ई-ट्रांजेक्शन का डाटा निकाल रही है।

हाल के दिनों में जिस तरह से मामले बढ़े हैं उसने पुलिस की भी चिंता बढ़ा दी है। जांच के दौरान मालूम हुआ है ऑन लाइन मोबाइल तकनीक में फर्जी वेबसाइट का लिंक बनाकर ठग ओटीपी जनरेट करवा रहे हैं। सामने आए मामलों में ठगों ने सबसे ज्यादा रिटायर्ड लोगों को निशाने में लिया है। रिटायरमेंट के बाद मिली बड़ी रकम के बैंक में जमा होने पर कमाई के लिए उन्हें अपने जाल में फांसा। स्टेट सायबर थाना के पास एक साल के अंदर में 200 से ज्यादा प्रकरण सामने आए हैं। जिन मामलों में तुरंत ठगी की सूचनाएं मिली है, उसमें वॉलेट सीज करके रुपयों का ट्रांजेक्शन रोका गया है। पीएचक्यू द्वारा अभी तक डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बचाने में कामयाबी मिली है। लेकिन फिर भी ठग किसी न किसी बहाने टेली कालिंग के जरिए अपना शिकार बनाने कामयाब हुए हैं।

डाटा सेंटर ठगों की पकड़ में

मोबाइल कंपनियों से जारी फोन नंबर का डाटा जुटाने में ठग बहुत माहिर हैं। सेंट्रल डाटा सेंटरों तक इनकी पकड़ काफी मजबूत है। फोन करते वक्त ठग बकायदा नाम लेकर बात करते हैं। किसी अज्ञात को फोन घुमाकर नाम और उसके बैंक खाते की जानकारी बताकर विश्वास जमा लेना ठगों के लिए और भी आसान रहता है, यही वजह से है कि पढ़े लिखे वर्ग से लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। एक हफ्ते के भीतर केंद्रीय और राज्य सेवा से रिटायर तीन कर्मचारी ठगे गए।

दिल्ली से ऑपरेट कर रहे ठग

सायबर सेल पुलिस की जांच में ऑन लाइन ठगी का सबसे बड़ा गिरोह पहले तक जामताड़ा से सक्रिय होने का खुलासा होता रहा है लेकिन हाईटेक फ्राड अब दिल्ली तक पहुंच चुके हैं। दिल्ली-नोएडा के साथ ही झारखंड से ठगी का नेटवर्क पूरे देश में फैला रहे हैं। जामताड़ा गैंग के बाद नाइजीरियरियन गिरोह छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। स्टेट सायबर थाना ने जिस नाइजीरियन गैंग को पकड़ा है, उनका बैंकिंग ट्रांजेक्शन साऊथ अफ्रीका के खातों में बताया गया है।

अलर्ट रहना जरूरी

सायबर फ्राड अब क्रेडिट कार्ड के बहाने ठगी करने में लगे हुए हैं। नाम व बैंक की जानकारी देकर लोगों का भरोसा जीतना आसान है। यही वजह है कि ओटीपी हासिल कर तुरंत बैंक से रुपये गायब कर रहे हैं। अंजान नंबर से कॉल करने वाले व्यक्ति से अलर्ट रहना जरूरी है।

- अभिषेक माहेश्वरी, एएसपी क्राइम व सायबर सेल

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news