रायगढ़
हाथी के छठी कार्यक्रम में 6 गांव में लोग हुए शामिल
मान्यता है कि छठी के बाद क्षेत्र से पलायन कर जाते हैं गजराज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 20 जनवरी। विकासखंड क्षेत्र लैलूंगा के करवारजोर, चिरईखार, ढोर्रोबीजा, टांगरजोर, बेस्कीमुड़ा, मुकडेगा क्षेत्र में लगभग 1 महीने से हाथियों के आतंक से अंचल के ग्रामवासी काफी परेशान है, वहीं 30-40 की संख्या में उपस्थित गजराजों द्वारा लगातार किसानों के फसल एवं मकान को क्षतिग्रस्त कर नुकसान पहुंचा रहे हंै। जिसके कारण क्षेत्र के किसान एवं ग्रामीणों में काफी दहशत का माहौल व्याप्त है। क्षेत्र के ग्रामीणों में इतना दहशत व्याप्त है कि कडक़ड़ाती ठंड के बावजूद भी हाथियों के बचाव के लिए रतजगा करने पर मजबूर हैं। अब इस क्षेत्र के 6 गांव के ग्रामीणों ने हाथी भगाने के लिए एक अनूठी परंपरा का पालन करते हुए हाथी के छठी कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें आधे दर्जन गांव के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।
क्षेत्र के लोगों ने परेशान होकर हाथी को भगाने के लिए एक अनूठी परंपरा का पालन करते हुए हाथी के छठी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें 4-5 गांव के लगभग 300 ग्रामीण छठी कार्यक्रम में उपस्थित हुए। जंगल में आयोजित छठी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्राम बैगा तथा रावत समाज के हाथी गोत्र एवं नाई धोबी के साथ रीति रिवाज के अनुरूप पूजा पाठ कर छठी कार्यक्रम संपन्न कराया गया। ग्रामीणों के अनुसार मान्यता है कि हाथी का छठी कार्यक्रम आयोजन करने के बाद संतुष्ट होकर हाथी एक क्षेत्र को छोडक़र दूसरे क्षेत्र चले जाते हैं। हाथी भगाने की दिलचस्प एवं अनूठी परंपरा कहें या रूढिवादी परंपरा, हाथियों से परेशान क्षेत्रवासियों ने पुरानी मान्यता के अनुसार पूजा अर्चना कि यह मान्यता कितनी कारगर साबित होती है यह देखने वाली बात होगी वहीं कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण उपस्थित रहे।