महासमुन्द

7 मिडिल स्कूल का उन्नयन हाईस्कूल के रूप में, भवन भी बनकर तैयार, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने हैंडओवर नहीं किया
20-Jan-2022 4:47 PM
7 मिडिल स्कूल का उन्नयन हाईस्कूल के रूप में, भवन भी बनकर तैयार, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने हैंडओवर नहीं किया

अभी भी दो पालियों में कक्षाएं लगाई जा रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 20 जनवरी। महासमुंद जिले में ऐसे 7 हाई स्कूल हैं, जिनका मिडिल से हाई स्कूल के रूप में उन्नयन किया गया है। इन स्कूलों के लिए भवन तो बनकर तैयार हो गए हैं लेकिन वहां बच्चों को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। बच्चे पालियों में स्कूल जाकर पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन तैयार भवनों को पीडब्ल्यूडी विभाग ने अब तक शिक्षा विभाग को हैंडओवर नहीं किया है। बच्चे मिडिल स्कूल के भवन में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वहीं मिडिल स्कूल भवन में दो पालियों में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग से हैंडओवर नहीं होने के कारण बच्चों की शिफ्टिंग नहीं हो पाई है। कुछ काम शेष होगा, इसलिए लेटलतीफी हो रही है।

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत परसाडीह, नयापारा महामसुंद, लाफिन खुर्द, लोहारडीह, कन्या उमा बिरकोनी, उमरदा एवं खैरझिटी में हाई स्कूल का उन्नयन हाल ही में हुआ है। इनके लिए भवन का निर्माण कराया गया है। प्रत्येक भवन के निर्माण के लिए शासन ने 73 लाख रुपए स्वीकृत किए। इन स्थानों पर भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है। ग्राम पंचायत लाफिन खुर्द के नए भवन में बच्चों को हाल ही में शिफ्ट किया गया है। वहीं नयापारा व उमरदा स्कूल भवन हैंडओवर हो गया है, लेकिन वहां शिफ्टिंग नहीं हुई है। इस वक्त 4 भवन ऐसे हैं, जो बनकर तो तैयार हैं, लेकिन शिक्षा विभाग को हैंडओवर नहीं हुए हैं।

नए भवनों में हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं की शिफ्टिंग नहीं होने से मिडिल व हाईस्कूल के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। दोनों ही स्कूल के बच्चों को अध्यापन कार्य के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है। समय के अभाव में अध्यापन कार्य की समय सारणी भी कम समय के लिए बनाई गई है। इससे बच्चों का कोर्स पूरा होने में शिक्षकों व बच्चों को परेशानी हो रही है। मिडिल स्कूल लोहारडीह उनमें से एक है जहां एक ही बिल्डिंग में दो पालियों में स्कूल लग रहा है। इसकी वजह से कोर्स पूरा करने में परेशानी होती है। बच्चों की शारीरिक, बागवानी, सांस्कृतिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद है। साथ ही 100 कार्य योजना सहित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन व इसके बारे में बच्चों को जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। इससे बच्चों का कौशल विकास कमजोर हो रहा है।

मालूम हो कि लोहारडीह मिडिल स्कूल का 2015 में हाई स्कूल के रूप में उन्नयन किया गया। माध्यमिक शाला लोहारडीह के भवन का निर्माण एक साल में तैयार कर शिक्षा विभाग को हैंडओवर करना था,लेकिन दो साल बीत गए हैं। अभी तक विभाग ने हैंडओवर नहीं किया है। इसके चलते 6वीं से 10वीं तक के बच्चों को मजबूरन दो पालियों में तीन कमरों में ही पढ़ाई करनी पड़ रही है। प्रयोगशाला के लिए भवन नहीं होने से बच्चे प्रैक्टिकल से वंचित हैं। मिडिल स्कूल लोहारडीह में 202 बच्चे अध्ययनरत हैं। ये बच्चे सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े 11 बजे तक पढ़ाई करते हैं। इसके बाद हाई स्कूल संचालित होता है। यह दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक लगता है। हाई स्कूल में करीब 63 बच्चे अध्ययनरत हैं।

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