बिलासपुर

वंदना हॉस्पिटल में भवन मालिक ने ताला जड़ा, जमकर विवाद, चेन लूटने व मारपीट का आरोप
20-Jan-2022 4:53 PM
वंदना हॉस्पिटल में भवन मालिक ने ताला जड़ा, जमकर विवाद, चेन लूटने व मारपीट का आरोप

हॉस्पिटल के दो पार्टनरों ने पहले पर लगाया साजिश का आरोप  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 जनवरी।
मंगला चौक पर स्थित वंदना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आज भवन मालिक ने पहुंचकर ताला जड़ दिया। इसके बाद दर्जनों लोग किराएदार डॉक्टर के समर्थन में पहुंचकर हंगामा मचाने लगे। भवन मालिक ने अपने साथ मारपीट और लूट की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है।

जानकारी मिली है कि मंगला चौक स्थित वंदना हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर चंद्रशेखर उईके के साथ दो और पार्टनर डॉक्टर विजय कुर्रे और डॉक्टर राजेश्वरी उद्देश जुड़े हुए हैं। ये तीनों मिलकर हॉस्पिटल चलाते हैं। इन्होंने महावीर पैलेस नाम की भवन को मंगला के ही रहने वाले संजय जैन से किराए पर लिया था। 3 महीने पहले जैन ने अस्पताल संचालकों को नोटिस देकर निर्धारित 90 दिन में भवन खाली कर देने कहा था। 90 दिन पूरा होने के बाद जैन अपने भवन पर कब्जा करने पहुंचे। इस बात की सूचना जैन ने पुलिस को भी दे दी थी। जैन ने पहुंचकर हॉस्पिटल का मुख्य द्वार पर ताला लगाते हुए अस्पताल बंद किए जाने का बैनर लगा दिया। खबर मिलते ही डॉ उइके तो वहां नहीं पहुंचे पर दो अन्य पार्टनर डॉक्टर विजय कुर्रे और डॉक्टर राजेश्वरी उद्देश वहां पहुंचे। साथ ही साथ कई लोगों की भीड़ भी आ गई जो संजय जैन की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। भवन मालिक संजय जैन के साथ उनकी झूमा झटकी और हाथापाई हो गई। भवन मालिक ने भीड़ पर मारपीट करने और सोने की चेन छीनने का आरोप लगाया है।

इधर वहां मौजूद दोनों पार्टनर डॉक्टरों ने कहा कि एग्रीमेंट 2019 में 5 साल के लिए है। अभी वह हॉस्पिटल को कैसे खाली करा सकते हैं? उन्होंने अपने तीसरे पार्टनर डॉ. उइके पर संदेह जताया कि वह भवन मालिक के साथ मिलकर हॉस्पिटल बंद करना चाहते हैं। इधर जैन का कहना है कि एग्रीमेंट में 90 दिन की नोटिस देकर खाली कराने की बात भी लिखी है।

अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए एक आने-जाने का रास्ता भीतर से छोड़ा गया है। पर किसी ने मरीज को यह भर्ती नहीं की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने डॉक्टर चंद्रशेखर उइके के साथ उसलापुर स्थित एक जमीन पर कब्जे को लेकर शहर के व्यवसायी सुनील ऋषि के साथ विवाद हुआ था। प्रकरण में ऋषि परिवार पर डॉ. उइके ने जातिगत गालियां देने का आरोप लगाया था। उस समय डॉ. उइके के साथ उनके पार्टनर डॉ. कुर्रे भी मौजूद थे।

इस मामले में मालूम हुआ है कि बिना सीमांकन और नामांतरण के डॉ उइके द्वारा निर्माण कार्य शुरू कराने के विरोध में विवाद हुआ था। अब न्यायालय से ऋषि परिवार के आवेदन पर अगले आदेश तक निर्माण के लिये स्थगन दे रखा है।

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