रायपुर

तंबाकू समवर्ती सूची में इसलिए हुक्का बार विधेयक राष्ट्रपति को भेजा राज्यपाल ने
20-Jan-2022 5:21 PM
तंबाकू समवर्ती सूची में इसलिए हुक्का बार विधेयक राष्ट्रपति को भेजा राज्यपाल ने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 जनवरी। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद ( अधिनियम 2003 में संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर तो कर दिया है, लेकिन उसे मंजूरी राष्ट्रपति की मूहर के बाद ही मिलेगी। राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति को भेजने का फैसला किया है। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा बीते शीत सत्र में इस अधिनियम की धारा 3, 4,12, 13, 21 एवं 27 में संशोधन किया गया था। ये धाराएं केन्द्रीय एक्ट को ओवर टैक करती प्रतीत होती हैं।

इस संबंध में राजभवन से जारी अधिकृत बयान के अनुसार धारा 4 में संशोधन कर धारा 4 क और 4 ख जोड़ा गया है। धारा 4क. के अनुसार ‘‘हुक्का बार पर रोक- इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति, स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से, कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।’ धारा 4ख. के अनुसार ‘हुक्का बार में हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक- कोई भी व्यक्ति, किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गडग़ड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।’

इसी तरह से धारा 13 में संशोधन कर नवीन धारा 13क. जोड़ा गया है। धारा 13क. के अनुसार ‘हुक्का बार के मामले में जब्त करने की शक्ति- यदि कोई पुलिस अधिकारी/आबकारी अधिकारी, जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत हो, और जो उप-निरीक्षक की श्रेणी से निम्न का न हो, के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4क. के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है या उनका उल्लंघन किया जा रहा है, वह हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।’

मूल अधिनियम की धारा 21 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 21क. एवं 21ख. जोड़ा गया है। धारा 21क. के अनुसार ‘हुक्का बार चलाने के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह ऐसे कारावास, जो कि तीन वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि पचास हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो दस हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडनीय होगा। इसी प्रकार 21ख. के अनुसार ‘‘हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धूम्रपान के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 4 ख के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे ऐसे जुर्माने, जो कि पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडित किया जाएगा।’

धारा 27 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 27क. जोड़ा गया गया है। धारा 27क. के अनुसार ‘‘धारा 4क. के तहत अपराध का संज्ञेय तथा अजमानतीय होना-इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, धारा 4क. के तहत कारित अपराध, संज्ञेय तथा अजमानतीय होगा।’

क्या है समवर्ती सूची

देश के संविधान में केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का बंटवारा किया गया है। समवर्ती सूची में वे विशय रखे गए हैं, जो संग सूची और राज्य सूची से शेष बच गए हैं। इस सूची में 52 विषय रखे गए हैं। इस पर केन्द्र व राज्य आवश्यकता अनुसार कानून बना सकते हैं, लेकिन केन्द्र द्वारा कानून बनाने पर राज्य का कानून स्वत: समाप्त हो जाता है। समवर्ती सूची में आर्थिक अपराध मामले, दंड विधान प्रक्रिया को भी रखा गया है।

इसलिए भेजा गया केन्द्र को

राजभवन के सूत्रों के अनुसार हुक्का बार में इस्तेमाल तंबाकू को केन्द्र ने मादक पदार्थों की श्रेणी में रखकर इस पर अलग से कानून बनाया है। इसी के तहत नार्कोटिक्स ब्यूरो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों में कार्रवाई करता है। चूंकि पहले से एक कानून देश के लिए लागू है। इसलिए राज्य द्वारा बनाए गए कानून को लेकर राज्यपाल राष्ट्रपति से सहमति लेना चाहती हैं। यह भी बताया गया कि पूर्व में महाराष्ट्र, और एक दो अन्य राज्यों ने भी अपने कानून को लेकर राष्ट्रपति से अनुमति ली थी।

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