रायगढ़

कोरोना संक्रमित का शव रिहायशी क्षेत्र में दफनाया, वार्डवासियों ने जताया विरोध
22-Jan-2022 2:44 PM
कोरोना संक्रमित का शव रिहायशी क्षेत्र में दफनाया, वार्डवासियों ने जताया विरोध

बाल उद्यान के अहाता निर्माण हेतु सीएम कर चुके हैं वर्चुअल भूमिपूजन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता  
रायगढ़, 22 जनवरी। 
उपजेल में कोरोना संक्रमित विचाराधीन बंदी  द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले मे पोस्टमार्डम के बाद शव को वार्ड क्रमांक 13 अस्पताल के पास बाल उद्यान के लिये प्रस्तावित भूमि पर दफन करने का मामला सामने आया है। इससे मोहल्लेवासियों मे आक्रोश फैल गया है, वहीं कोरोना पॉजीटिव मिला युवक का शव का निर्धारित स्थल पर दफन करने या अंतिम संस्कार करने के स्थान पर बाल उद्यान के स्थान पर दफन करने के लिये जिम्मेदार कौन है? इस सवाल का जवाब देने से अधिकारी बचते रहे।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार उपजेल मे विचाराधीन बंदी ने आत्महत्या कर लिया था। मृतक का नाम खीरोंदर उर्फ ओडिय़ा पिता मालिक राम साहू ग्राम नुनिया जामपाली बुर्ला थाना बरगढ़ जिला बरगढ़ था, जिसका शव को कोरोना संक्रमित होने के कारण से परिजनों ने लेने से इंकार कर दिया। इस विचाराधीन कैदी की आत्महत्या करने के बाद उसका शव को पोस्टमार्टम के लिये सारंगढ़ अस्पताल लाया गया तथा  पोस्टमॉर्टम करने के बाद उसका शव को सारंगढ़ पुलिस को सौप दिया गया। किन्तु इस मामले मे सारंगढ पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कक्ष के पास ही रिक्त स्थान पर गड्ढा करके दफन करवा दिया गया। इस बारे मेें जानकारी मिलते ही वहां पर गाड़ा घाट पुलिया के पास के रहवासियों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया।

बताया जा रहा है कि पुलिस और प्रशासन को इस स्थान पर कोरोना संक्रमित मृतक का शव का दफन करने के लिए मोहल्लेवासियों ने आपत्ति किया और मृतक का शव को कोरोना संक्रमितों के लिये निर्धारित किया गया। स्थान पर दफन करने के लिये मांग किया किन्तु तब तक शव को गड्ढ़ा कर दफन कर दिया गया था। जिस पर सारंगढ़ पुलिस ने शव को निकालकर अन्य स्थान पर दफन करने के लिये एसडीएम सारंगढ़ से अनुमति लेने की बात कहीं किन्तु आज दिन भर एसडीएम सारंगढ़ से इस संबंध में अनुमति नहीं मिल पाई, वहीं पूरे मामले में मोहल्लेवासियों का साफ कहना था कि जिस स्थान पर शव को दफन किया गया है, वह स्थान मुक्तिधाम अथवा शव दफन का स्थान नहीं है, बल्कि वह स्थान बाल उद्यान के लिये प्रस्तावित है तथा वहां पर 22 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 10 लाख रूपये के अहाता निमार्ण के लिये वर्चुअल भूमिपूजन भी किया गया है। वहीं इस स्थान पर मोहल्ले के छोटे-छोटे बच्चे खेलने के लिये जाते है। ऐसे में वहां पर कोरोना सकंमित युवक का शव को दफन करने के मामले में मोहल्ले में गहरा आक्रोश है और इसके सम्बंध में लिखित शिकायत भी वार्डवासियों ने पार्षद सत्येन्द्र बरगाह की अगुवाई में किया गया है।

इस मामले में मोहल्लेवासियो ने बताया कि जब शासन के द्वारा कोरोना संक्रमित मृतको के लिये विशेष गाईडलाईन के साथ अंतिम संस्कार करने के लिये मुक्तिधाम का चयन किया हुआ है और कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए कोरोना संक्रमितो का शव का अंतिम संस्कार की व्यवस्था किया गया है तो आखिर किस कारण से गार्डन के लिये आरक्षित भूमि पर मृतक का शव को दफन किया गया है।

इस मामले मे सारंगढ़ पुलिस का कहना है कि शव दफन का कार्य हो गया था,जिसके बाद आपत्ति की जानकारी मिली है। नियमानुसार दफन किया गया। शव को निकालकर दूसरे स्थान पर अंतिम संस्कार करने के लिये एसडीएम से अनुमति प्राप्त करनी होती है।

आखिर किसकी है जिम्मेदारी
इस पूरे मामले में जो बात छनकर सामने आ रही है उसके मुख्य रूप से लापरवाही वाली बात आ रही है। आखिर कोरोना संक्रमित मृतक का शव को पोस्टमार्टम के बाद किसके आदेश से गार्डन के लिये आरक्षित भूमि पर दफन कराया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक को मुक्तिधाम मे अथवा ऐसे स्थान पर दफन करना था, जहां पर कोरोना संक्रमितों का शव को दफन करने के लिये गाइड लाइन के तहत चिन्हित किया गया है। किन्तु पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग, नगर पालिका और स्वास्थ विभाग के द्वारा आपसी समन्वय नही बरतते हुए अपने मन से कोरोना संक्रमित युवक का शव को दफन कर दिया।

गार्डन के लिये प्रस्तावित भूमि पर किसके आदेश से कोरोना संक्रमित युवक का शव का दफन किया गया तथा इसके लिये दोषी कौन है इसकी चर्चा नगर में जोरों पर है ।

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