रायपुर
एसएसपी के निर्देश के बाद पुलिस की कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 जनवरी। शहर में एक बार फिर से सटोरियों का कारोबार फल-फूल रहा है। स्लम इलाकों में डेरा जमाकर सटोरिए लाखों रुपये का कारोबार कर रहे हैं। खम्हारडीह थाना पुलिस ने हाल में दो ठिकानों पर छापा मारा है, जहां से सट्टा खिलाने वाले दो लोग पकड़े गए हैं। मालूम हुआ है जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है वह भाड़े पर लाए गए कर्मचारी है। सट्टा पट्टी कारोबार का मास्टरमाइंड गायब है।
बताया गया कि लंबे समय से सटोरियों ने घनी आबादी वाले बीएसयूपी कॉलोनियों में डेरा जमाया है। पहले भी सट्टा कारोबार की शिकायत होती रही है लेकिन अब जाकर लोकल पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा है।
खम्हारडीह पुलिस के बताए अनुसार, शनिवार को बिट्टू दीप और अजय कुमार देवांगन को पकड़ा गया है। इनके पास से नगदी रकम मिलने के साथ सट्टा पट्टी की पर्चियां बरामद हुई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ में जुआ एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस के आने के पहले सट्टा कारोबार के इस्तेमाल होने वाली डायरियां छिपाने की जानकारी बाहर आई है। एक करीबी सूत्र का कहना है क्षेत्र में बीएसयूपी कॉलोनी के अलावा मोवा वाल्टेयर लाइन के नीचे भी हर दिन संदिग्ध किस्मत आजमाने पहुंच रहे हैं। यहां एक कुख्यात सटोरिए का तगड़ा नेटवर्क भी है।
पंडरी और खम्हारडीह थाना के बीच बार्डर में कई बार लोगों ने पुलिस को सट्टा कारोबार की सूचना दी है लेकिन यहां पर बड़ी कार्रवाई में सफलता नहीं मिली है। सटोरियों पर चली कार्रवाई में एक प्रकरण गुढिय़ारी में छबिलाल बर्मन के नाम पर दर्ज किया गया है। छबिलाल के पास से नगदी रकम 28 सौ रुपये बरामद हुए हैं साथ ही उसके पास से सट्टा पट्टी भी बरामद हुई है। लॉक डाउन खुलने के बाद एक बार फिर शहर में सट्टा कारोबार का व्यापार तेजी से फैल रहा है।
पंडरी और खम्हारडीह दो थानों के बीच एक कुख्यात सटोरिए के नाम खासे चर्चे में है। वाल्टेयर लाइन के पास से रोज लाखों रुपये की सट्टा पट्टी लिखे जाने की खबर है। कुख्यात सटोरिए का दबदबा इस तरह से है कि नाम बताए जाने पर भी पुलिस सिर्फ गुर्गे तक कार्रवाई समेटते हुए खानापूर्ति करने में जुटी रहती है। कथित सटोरिए का सिविल लाइंस, पंडरी और खम्हारडीह थाना में पुराने अपराधिक रिकार्ड दर्ज हैं।
बदल गया तरीका ...
शहर में सट्टा कारोबार के लिए अब इलाके बदल गए हैं। किसी समय में चूना भ_ी, राजा तालाब क्षेत्र, पुरानी बस्ती, लाखे नगर और गुढिय़ारी क्षेत्र सटोरिए के लिए स्पाट हुआ करते थे लेकिन अब सटोरियों ने ठिकाना बदल लिया है। सट्टा लिखने का तरीका भी बदल लिया है। बताया जा रहा है कागजों पर पर्चियां कम मोबाइल फोन से नंबर ले रहे हैं। यही वजह है मौके पर मिली सट्टा-पट्टी का सटीक हिसाब नहीं मिल रहा है। जिन जगहों पर मामूली नगदी रकम और छिटपुट हिसाब के साथ संदेही पकड़े जा रहे हैं, हाईटेक मोबाइल फोन जांच पर भारी है।
बैठक में थानेदारों को दीे सख्त चेतावानी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने शनिवार को थानेदारों की बैठक लेकर संदिग्ध कारोबार पर लगाम कसने सख्त निर्देश दिए हैं। सट्टा-जुआ कारोबार सामने आने पर लोकल पुलिस से जवाब तलब करने की बात कही है। पुराने गुंडा बदमाशों की गतविधियों पर नजर रखने के साथ उनके अवैध कारोबार पर अंकूश लगाने सख्त चेतावनी दी है।