दुर्ग
जमीदारों व साहूकारों की शोषण से किसानों को बचाने सहकारी समितियों का फैलाया जाल
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व सहकारिता के जनक उदयराम के योगदान को लोगों ने किया याद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 23 जनवरी। गोलियां भी आजादी के दीवानों की कदम नहीं रोक पाई। स्वतंत्रता सेनानी एवं सहकारिता के जनक उदयराम वर्मा ने जमीदारों एवं साहूकारों के शोषण से किसानों को शोषण से बचाने के लिए सन 1927 में सहकारी समितियों का जाल फैलाया। उनकी 43वीं पुण्यतिथि पर मौजूद लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन एवं सहकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करते हुए उक्त बातें कहीं।
सहकारिता के जनक, पूर्व विधायक व मंत्री जी के नाम से प्रसिद्ध स्व. उदयराम वर्मा की पुण्यतिथि उनके स्मारक स्थल सेलूद में मनाई गई। इस दौरान मौजूद लोगों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि स्व उदयराम ने 15 अगस्त 1942 को करो या मरो के नारे के बाद पाटन के रावण भाटा में आयोजित आमसभा में ऐसा भाषण दिया कि भीड़ उत्साहित हो गई और थाने में कब्जे के लिए कूच किया। थानेदार ने हवा में कई गोलियां भी चलाई, लेकिन आजादी के दीवानों के कदम वे नहीं रोक पाए। 30 सितंबर 1942 को पाटन के ग्राम मर्रा के साप्ताहिक बाजार में सेनानियों के नेता उदय राम वर्मा के नेतृत्व में आमसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अनेक स्वतंत्रता सेनानी गिरफ्तार कर लिए गए। ऐसे कई अवसर आए, जब आम जनता को जगाने वाले आजादी के दीवानों को पुलिसिया कहर सहना पड़ा। स्वर्गीय श्री वर्मा ने सन 1930 में किसान सभा का भी गठन किया था।
कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष अश्वनी साहू ने मंत्री जी के जीवन पर प्रकाश डाला व सहकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया व आने वाले वर्ष में इस पुण्यतिथि को यादगार बनाने की बात कही है।
इस अवसर पर दुर्ग जिला सहकारी समिति के अध्य्क्ष जवाहर वर्मा, सरपंच खेमिन साहू, पूर्व सरपंच खेमलाल साहू, जीवराखन वर्मा, रोमशंकर यादव, बलराम वर्मा, जनपद सदस्य खिलेश मार्कण्डेय, तारेंद्र बंछोर , लोचन प्रसाद वर्मा, राजेन्द्र वर्मा, हेमन्त वर्मा, टिकेंद्र वर्मा, कमला बघेल, निर्मला वर्मा, वत्सला नायक, चंद्रकला बिजौरा, मनहरण लाल वर्मा, लता मढऱीया, तिलक मढ़रिया, ललित वर्मा, विपिन वर्मा, धनंजय साहू, मनीष वर्मा मयंक नायक सहित ग्रामवासियों ने उन्हें नमन किया।