रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 23 जनवरी। रायगढ़ जिले के लोहरसिंह धान खरीदी केंद्र में करोड़ों के धान घोटाले की जांच धीमी गति से चल रहा है। इस मामले में अक्टूबर 2021 में भेजे गए जांच के निर्देश के अनुसार अभी तक आरोपी का बयान तक नहीं हो पाया है। इस मामले में शिकायत के बाद लोक आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया था और विशेष सचिव, सहकारिता को पत्र भी लिखा था।
केंद्र के प्रभारी उत्तम चंद्रा पर यह आरोप है कि उन्होंने प्रतिवर्ष धान का सूखत ज्यादा दिखाते हुए राज्य सरकार का करोड़ों का नुकसान किया है और खुद इसका अवैध लाभ प्राप्त किया है। इसके अलावा फर्जी देयक भुगतान और अपने रिश्तेदारों के ट्रक से धान के परिवहन का भी आरोप उत्तम चंद्रा पर लोक आयोग द्वारा लगाया गया है।
उक्त संबंध में लोक आयोग के समक्ष 22 दिसंबर तक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया था, लेकिन उप पंजीयक सहकारिता, रायगढ़ की ओर से विपणन अधिकारी रायगढ़ को 3 जनवरी को पत्र लिखकर उत्तम चंद्रा को 5 दिन के अंदर बयान देने के लिए बुलाने पत्र लिखा गया लेकिन 22 जनवरी तक सहकारिता विभाग के समक्ष वे उपस्थित नहीं हो सके।
क्या है पूरा मामला
लोहरसिंह धान संग्रहण केंद्र में 2019-20 और 2020-21 में चार प्रतिशत तक सूखत बताया गया जिसकी अनुमानित मूल्य करीब 40 करोड़ है। आरोप यह भी है कि सबसे ज्यादा सुखत जिले भर में लोहरसिंह धान संग्रहण केंद्र से बताया गया। इस मामले की पहले भी जांच हुई, लेकिन उससे कुछ हासिल नहीं हुआ।
इसके बाद एक नाम व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत लोक आयोग से कर दी। इसके बाद लोक आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेकर विशेष सचिव, सहकारिता को पत्र लिखकर जांच करने के निर्देश दिए। विशेष सचिव के जरिये जांच के निर्देश उप पंजीयक सहकारी समिति, रायगढ़ को मिले और वहां से विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर उत्तम चंद्रा को नोटिस दी गई, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में तीन माह लग गए और अभी तक विभाग को बयान तक नहीं हासिल हो सका है।