बस्तर

स्टाफ की कमी से बस्तर का मेडिकल कॉलेज ही वेंटिलेटर पर-बाफना
23-Jan-2022 6:20 PM
 स्टाफ की कमी से बस्तर का मेडिकल कॉलेज ही वेंटिलेटर पर-बाफना

तबादला किये डॉक्टरों को पुन: मूल पदस्थापना पर भेजने पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा पत्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 21 जनवरी। पहले से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे बस्तर के एकमात्र स्व. बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज को एक और झटका मिलने से पूरे बस्तर संभाग की स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी से उतरती जा रही है। मामला दरअसल यह है कि, प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आदिवासी बाहुल्य अंचल बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को ताक में रखकर यहां के मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टरों को कांकेर व महासमुंद मेडिकल कॉलेजों में तबादला कर दिया दिया है, जिसे लेकर अब यहां राजनीति गरमाने लगी है।

क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक संतोष बाफना ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सरकार व स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला के बस्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति नकारात्मक रवैये की तीखी अलोचना की है।

 बाफना ने पत्र में कहा है कि, लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का दम भरने वाली कांग्रेस सरकार और उनके स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला द्वारा स्व. बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी के बावजूद महत्वपूर्ण विभाग शिशुरोग, टी.बी. एण्ड चेस्ट, प्रसुति एवं स्त्री रोग, ई.एन.टी., एनाटॉमी, सर्जरी, मेडिसीन के विशेषज्ञ डॉक्टरों का तबादला करने की वजह से स्थानीय व संभाग के अन्य जिले दंतेवाड़ा बीजापुर, सुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर के रेफर मरीजों के इलाज का दबाव अन्य बचे हुए डॉक्टरों पर बढ़ गया है जिससे इलाज व्यवस्था और बेपटरी हो गई है और वर्तमान में स्टाफ की कमी को देखें तो बस्तर का मेडिकल कॉलेज ही वेंटिलेटर पर है।

  साथ ही, फैकल्टी की कमी के कारण मेडिकल छात्रों की पढ़ाई, प्रेक्टिकल व्यवस्था प्रभावित होने एव पीजी कोर्स करने वाले छात्रों के लिएं एमसीआई से मान्यता मिलने में परेशानी होगी। जिससे मेडिकल कॉलेज की मान्यता ही खतरे में पड़ सकती है। और भविष्य में जीरो एडमिशन ईयर का खतरा के साथ छात्रों का भविष्य भी अंधकार में पड़ सकता है। 115 स्वीकृति विशेषज्ञ डॉक्टरों के सापेक्ष कहने भर को 67 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे थे और 48 डॉक्टरों की कमी थी और सरकार ने उनमें भी 8 विशेषज्ञ डॉक्टरों का पदोन्नति के नाम पर तबादला करने की कमी के चलते हालात यह हो गए हैं कि, मरीजों को ईलाज के लिए हायर सेंटर रायपुर रेफर किया जा रहा है। सरकार का नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने का फैसला सराहनीय है किन्तु नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलवाने के लिए मौजूदा मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से खिलवाड़ करना कहॉ का न्याय है। सरकार को नए सिरे से नवीन स्थापित मेडिकल कॉलेज के लिए दूसरे विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती करनी चाहिए थी।

बाफना ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए अपने फैसले का वापस लेने एवं तबादला किये गये डॉक्टरों को पुन: अपने मूल पदस्थापना पर भेजने का आग्रह किया है। एवं जनहित में सरकार द्वारा अपने फैसले को वापस न लेने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news